जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और देर रात को काफी मशक्कत के बाद शव को बाहर निकलवाया। गांव के सतीश हिंगड़ा और अवतार से मिली जानकारी के मुताबिक, विकास मंगलवार शाम खेल मैदान में खेल रहा था। उस वक्त उसके साथ उसकी तीन वर्षीय छोटी बहन भी थी। इसी दौरान गेंद अचानक उछलकर जलघर डिग्गी में गिर गई।
जिसे निकालने के लिए विकास दीवार फांद कर जलघर में चला गया। विकास गेंद निकालते वक्त पानी में गिर गया। बच्चे को पानी डूबते हुए देखकर गांव के ही कुछ लोगों ने शोर मचाना शुरु कर दिया। आनन-फानन मेें निकालने के प्रयास शुरु किए गए, लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका।
काफी मशक्कत के बाद हैरु जाली की मदद से रात करीब नौ बजे शव को बाहर निकाला जा सका। जिसका बुधवार सुबह गमगीन माहौल में संस्कार हुआ। वहीं परिजनों ने इस आशय की कोई पुलिस कार्रवाई नहीं कराई।
बता दें कि मृतक बालक चौथी कक्षा में पढ़ता था, जबकि अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। इस घटना पर मेट यूनियन अध्यक्ष रमेश परिहार ने रोष जाहिर करते हुए कहा कि पहले डिग्गी के तारबंदी की हुई थी, लेकिन जलघर में हाल में ही हुए निर्माण कार्य के बाद ठेकेदार ने फिर से तारबंदी नहीं की।
उनका कहना कि यदि डिग्गी की तारबंदी होती तो हादसा टल जाता और विकास सबकी आंखों के सामने खेल रहा होता। बताया कि खेल मैदान से चिपती जलघर की नीची दीवार को ऊंची करना जरुरी है। खेल मैदान में खेलते हुए हादसे का डर बना रहता है।