प्रकरण के अनुसार 17 अगस्त 2005 को हेडकांस्टेबल बलवंतराम ने रिपोर्ट दी कि वह थाना प्रभारी भूराराम के साथ नगरपालिका चुनाव के दृष्टिगत मतदान केन्द्र चेक कर रहे थे तभी एएसआई मदनगोपाल ने सूचना दी कि वार्ड नं 22 में एक निजी स्कूल में फर्जी मतदान को लेकर झगड़ा हो रहा है।
इन पुलिसकर्मियों के आई थी चोट ( hanumangarh police ) पत्थरबाजी से थाना प्रभारी भूराराम, एचसी लाखनसिंह, विजय कुमार, मुरली तथा एक महिला कांस्टेबल के चोटें आई। हुड़दंगियों ने पुलिस की गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया। थाना प्रभारी ने पुलिस उपाधीक्षक को सूचित कर अतिरिक्त जाब्ता मंगवाया तथा मौके पर पत्थरबाजी करने वाले आरोपी देवीलाल भाट, चानणराम भाट, जगदीश भाट, बुधराम, करतार भाट, सहीराम, जगसीरसिंह बाजीगर, बनवारी भाट, शारदादेवी पत्नि देवीलाल भाट, गोपीराम , रजीराम भाट, सुनील दोलतांवाली, मुखराम बावरी भागसर को गिरफ्तार कर लिया गया।
राजकीय कार्य में बाधा व सरकारी वाहन को क्षति पहुंचाने के आरोप में कार्रवाई इन सभी आरोपियों के खिलाफ राजकीय कार्य में बाधा डालने व सरकारी वाहन को क्षति पहुंचाने के आरोप में कार्रवाई की गई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। न्यायालय में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायाधीश राजीव जांगिड़ ने गुरूवार को वार्ड नं 22 निवासी आरोपी देवीलाल, जगदीश, बुधराम, सहीराम, जगसीर, शारदादेवी, गोपीराम, रजीराम, सुनील, मुखराम व बनवारीलाल को धारा 332 में 3 साल, धारा 353 में 2 साल, धारा 147 में 2 साल, धारा 143 में 6 माह की सजा सुनाई। राज्य की ओर से पैरवी सहायक अभियोजन अधिकारी सत्येन्द्र आसेरी ने की।
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