
शारीरिक परेशानी हुई तो पोस्त का धंधा किया शुरु
रीढ की हड्डी का मांस फटने के बाद शारीरिक परेशानी के चलते पोस्त नशा के साथ बेचने का धंधा शुरु कर दिया। ये बात २.१४० किलो अफीम सहित पकड़े गए अभियुक्त मदन बिश्नोई निवासी श्रीगंगानगर ने पुलिस पूछताछ में कही। उसने बताया कि वे दो भाई हैं दूसरा सतवीर उर्फ सतपाल पिछले दिनों करीब 15-16 क्ंिवटल डोडा पोस्त व रुपयों सहित रांची में पकड़ा गया था। खुद केंटर चलाता है। 2021 में गाड़ी से गिरने पर रीढ़ की हड्डी का मांस फटने से गाड़ी चलाने में तकलीफ होने लगी। बचने के लिए पोस्त नशा करने लगा। ताराचंद नायक मटीलीराठान तथा जगपालसिंह उर्फ मंत्री निवासी साधुवाली को जानता हूं।
संगरिया. रीढ की हड्डी का मांस फटने के बाद शारीरिक परेशानी के चलते पोस्त नशा के साथ बेचने का धंधा शुरु कर दिया। ये बात २.१४० किलो अफीम सहित पकड़े गए अभियुक्त मदन बिश्नोई निवासी श्रीगंगानगर ने पुलिस पूछताछ में कही। उसने बताया कि वे दो भाई हैं दूसरा सतवीर उर्फ सतपाल पिछले दिनों करीब 15-16 क्ंिवटल डोडा पोस्त व रुपयों सहित रांची में पकड़ा गया था। खुद केंटर चलाता है। 2021 में गाड़ी से गिरने पर रीढ़ की हड्डी का मांस फटने से गाड़ी चलाने में तकलीफ होने लगी। बचने के लिए पोस्त नशा करने लगा। ताराचंद नायक मटीलीराठान तथा जगपालसिंह उर्फ मंत्री निवासी साधुवाली को जानता हूं।
जगपालसिंह काफी समय से डोडा पोस्त नशा व धंधा करता है। उत्तरप्रदेश से 180 बैग चीनी लेकर श्रीगंगानगर रीको में उतारने थे। इसी बीच जगपालसिंह ने फोन पर बताया कि पुराने जानकार जीतु बन्नाजी से अफीम लाने का कहा। रूपये सीधे ही उसके खाता में डालने व अफीम आधी-आधी करना तय हुआ। इस पर 18 अप्रैल को बिहार से कोलकाता की तरफ बेरा गांव में जीतु बन्ना के होटल पहुंचे। अफीम खरीदने की जीतु से जगपालसिंह से बात करवाई। फोनपे से रुपए डाले। नब्बे हजार रुपए में 2.140 किलो अफीम खरीद ली। इसे बेचकर दोनों ने अपने-अपने हिस्से की रकम बांटनी थी। श्रीगंगानगर पहुंचने से पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया। ताराचंद को दस हजार रुपए का लालच देकर साथ लेकर गया था।
दूसरे साथी मटीली राठान निवासी अभियुक्त ताराचंद नायक ने पूछताछ में बताया कि वह ट्रकों में कंडक्टरी करता है। मदन को 2-3 सालों से जानता है। आठ अप्रैल को 15-20 दिनों के टूर पर केंटर ले जाने और झारखंड साईड से आते वक्त अफीम लाने के बदले दस हजार रुपए देने का कहा। इसके बाद आठ अप्रैल को संगरिया से पेस्टीसाईड लेकर जामनगर गए। भुज्ज से अनार की पेटियां भरीं, जो कोलकाता में उतारी। खडग़पुर से लोहा पाईपें भरी कोटद्वारा उतरांचल में उतारी। मेरठ से 180 बैग चीनी भरकर श्रीगंगानगर के लिए रवाना हुए। 18 अप्रैल को बिहार अफीम लेकर केंटर में पीछे की सीट पर रखी। गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही पुलिस ने पकड़ लिया। [पसं.]
Updated on:
26 Apr 2024 01:12 pm
Published on:
26 Apr 2024 01:11 pm
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