
टिब्बी। जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने स्थानीय पंचायत समिति की विकास अधिकारी शर्मिला छल्लाणी को सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने को लेकर नोटिस किया। कलेक्टर ने 17 सीसीए का नोटिस जारी कर सभी छह आरोपों के जबाव 10 दिनों में देने को कहा है। गुरुवार को ये नोटिस जिला कलेक्टर द्वारा जारी किए गए। कलेक्टर द्वारा जारी किए गए पहले नोटिस में अधिकारी पर आरोप है कि 4 जनवरी को कलेक्टर की वीडियों कांफ्रेसिंग के दौरान पंचायत समिति परिसर में बने वीसी रूम के बंद रहने और बाद में सुबह दस बजे जिला कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम द्वारा पंचायत समिति कार्यालय का औचक निरीक्षण करने के दौरान कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। जिनके खिलाफ कार्रवाई करने के एसडीएम द्वारा दिये जाने के निर्देशों केे बावजूद कार्रवाई नहीं हुई जो कि सरकारी कार्य के संपादन में लापरवाही प्रदर्शित करता है।
इन आरोपों पर जवाब देना है...
नोटिस में दूसरा आरोप लगाया गया है कि 9 जनवरी को तहसीलदार उमा मित्तल अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन के लिए पंचायत समिति कार्यालय पहुंची तो विकास अधिकारी शर्मिला छल्लाणी ने उन्हे सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। इतना ही नहीं राजकार्य करने से रोका।
नोटिस में तीसरा आरोप लगाया गया है कि 2 जनवरी को जिला कलेक्टर की चाहूवाली में रात्रि चौपाल के दौरान विकास अधिकारी के बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित रही। जिस पर जबाव मांगा गया है।
विकास अधिकारी के खिलाफ नोटिस में चौथा आरोप लगाया गया है कि पण्डित दीनदयाल उपाध्याय निशक्तजन कल्याण शिविर में उन्हें जिला कार्यालय के आदेश पर 28 दिसम्बर को सहायक प्रभारी नियुक्त किया गया था। उन पर आरोप है कि विकास अधिकारी न तो किसी शिविर में गई और न ही एसडीएम के निर्देशों के बावजूद किसी प्रकार का सहयोग किया गया।
पांचवा आरोप लगाया गया है कि विकास अधिकारी एसडीएम की अध्यक्षता में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में एक बार भी उपस्थित नहीं हुई, जिससे राज्य सरकार के महत्वांकाक्षी कार्यक्रम जनसुनवाई की अवहेलना हुई। जबकि नोटिस में छठा आरोप है कि उनका व्यवहार अपने साथी अधिकारियों के साथ शालीन और मर्यादित नहीं है। जिला कलेक्टर ने छह आरोपों के जबाव दस दिनों में देने को कहा है। साथ ही ऐसा नहीं होने की स्थिति में एकतरफा कार्रवाई अमल में लाने की जानकारी दी गई है।
Published on:
12 Jan 2018 05:44 pm
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