फर्जी परीक्षक बन परीक्षा लेने वाले को सात साल की सजा
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फर्जी परीक्षक बन परीक्षा लेने वाले को सात साल की सजा
फर्जी परीक्षक बन परीक्षा लेने वाले को सात साल की सजा
– 2016 में सामने आया था मामला
नोहर. नाम बदल अलग-अलग विषयों की प्रायोगिक परीक्षा लेकर धोखाधड़ी करने के मामले में न्यायालय ने गुरुवार को एक जने को दोषी करार देते हुए सात साल कारावास की सजा सुनाई। उस पर एक हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया गया है। दोषी करार दिया गया फर्जी परीक्षक अवीश कुमार उर्फ अमीश उर्फ आशीष पुत्र रामवतार यादव हरियाणा के गांव बास बटोड़ी का रहने वाला है। यह मामला 2016 में सामने आया था। अभियोजन पक्ष की ओर से लखवीरसिंह राठौड़ ने पैरवी की।
प्रकरण के अनुसार रावतसर तहसील के गांव गंधेली के उच्च माध्यमिक विद्यालय के व्यवस्थापक सत्यवीर सिंह को प्रायोगिक परीक्षा लेने आए परीक्षक पर शक हुआ। इस संबंध में उन्होंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के सचिव को जून 2016 में पत्र भेज शिकायत दर्ज करवाई। पत्र में बताया कि आशीष यादव नाम का व्यक्ति उच्च माध्यमिक विद्यालय गंधेली में चित्रकला की प्रायोगिक परीक्षा लेने के लिए परीक्षक बनकर आया। जब उसे रावतसर बस स्टैंड पर छोडऩे गया तो वहां दयानंद उच्च माध्यमिक विद्यालय टोपरिया का व्यवस्थापक रामेश्वरलाल मिला। उसने बताया कि उक्त व्यक्ति ही उनके विद्यालय में परीक्षक बनकर प्रायोगिक परीक्षा लेने आया था। मगर उसने चित्रकला की बजाय भूगोल की प्रायोगिक परीक्षा ली। अपना नाम अमीष यादव बताया था। इसके बाद अन्य विद्यालयों में पड़ताल की तो पता चला कि भादरा के जय हिन्द उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी इसी व्यक्ति ने अवीश यादव नाम बताकर प्रायोगिक परीक्षा ली। एक ही व्यक्ति के नाम बदलकर अनेक विद्यालयों में अलग-अलग विषयों की प्रायोगिक परीक्षा लेने की जानकारी मिलने पर बोर्ड के प्रायोगिक परीक्षा के नियुक्ति पत्र के अनुसार सीकर के निजी बीएड कॉलेज में पता किया गया। स्कूल व्यवस्थापकों का शक सही निकला। वहां आशीष यादव नाम से कोई व्याख्याता नहीं मिला। शिकायत प्राप्त होने पर बोर्ड ने जांच करवाई। इसमें एक व्यक्ति के अलग-अलग नाम का उल्लेख कर परीक्षक के रूप में पंजीकरण करवाकर अलग-अलग विषयों की परीक्षाएं लेना प्रमाणित हुआ। इसके बाद बोर्ड के सचिव मिरजूराम ने सीकर तथा हनुमानगढ़ पुलिस अधीक्षक को पत्र प्रेषित किया। इस पर रावतसर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की। जांच के दौरान हरियाणा निवासी अवीश कुमार के फर्जी परीक्षक बनने का पता चला। इस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट नरेन्द्र कुमार खत्री ने हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव बास बटोड़ी निवासी अवीश कुमार उर्फ अमीश उर्फ आशीष पुत्र रामवतार यादव को दोषी मानते हुए सात वर्ष के साधारण कारावास के साथ एक हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया।