बता दें कि कोका कोला कंपनी के सीईओ ने बाटलिंग प्लांट को मून ब्रेवरेज प्राइवेट लिमिटेड (Moon Beverages Private Limited) को सौंप दिया है। जैसे बुधवार को कर्मचारियों को इसकी जानकारी मिली तो उनमें हड़कंप मच गया। इसके बाद कंपनी के सभी कर्मचारी व अधिकारियों ने विरोध शुरू कर दिया। वे प्लांट के अंदर ही धरने पर बैठ गए और नारेबाजी के साथ जमकर हंगामा किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कंपनी के फैसले से सैकड़ों लोगों का भविष्य खतरे में है। उनके परिवार के भुखमरी की कगार पर आने को तैयार है। बिना बताए अचानक दूसरी कम्पनी में 2 माह के लिए स्थानांतरण कर दिया गया है। दो महीने बाद वे क्या करेंगे? इसका किसी के पास कोई जबाव नहीं है।
कंपनी प्रबंधन के लोगों का घेराव इस दौरान प्लांट में मजदूरों के हित में काम करने वाली इंटक व सीटू यूनियन के सुलेमान और वेदपाल नागर समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने कंपनी प्रबंधन के लोगों का घेराव करते हुए स्पष्टीकरण देने की मांग की। प्लांट में हंगामे की सूचना मिलते ही धौलाना थाना प्रभारी रवि रत्न सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया। इस दौरान कर्मचारियों की पुलिस से नोक-झोंक भी हुई। लंबी वार्ता के बाद भी समस्या का समाधान नहीं निकल सका। कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े हैं।
एचसीसीबी डासना के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर ने झाड़ा पल्ला इस मौके पर कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने दिन-रात मेहनत करके प्लांट को नंबर-1 बनाया है। इस प्रकार अचानक प्लांट को दूसरे संस्थान को सौंपना कर्मचारियों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि भारी मुनाफे बावजूद मून बैवरेज को प्लांट बेचना पड़ा है। वहीं, इस संबंध में हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड (एचसीसीबी) डासना के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर सतीश नारायण से बात की गई तो उन्होंने कंपनी के दिशा-निर्देशों की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया।