जानकारी के अनुसार तीन दिन पहले दिल्ली से भटकी एक युवती बेसुध हालत में हापुड़ पहुंच गई थी। युवती के बेसुध अवस्था में बस स्टैंड पर होने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उसे कोतवाली ले आई। पूछताछ के दौरान युवती परिजनों व घर की जानकारी नहीं दे पाई। वह सिर्फ इतना बता सकी कि वह दिल्ली की रहने वाली है। इसके बाद हापुड़ कोतवाली प्रभारी ने लड़की का पता व पहचान जानने के लिए महिला कांस्टेबल को लड़की के साथ दिल्ली भी भेजा, लेकिन दिल्ली में भी युवती की कोई गुमशुदगी नहीं मिली। न ही लड़की के परिजनों का कोई सुराग लग सका। इसके बाद कोतवाली प्रभारी महावीर सिंह चौहान ने मानवता का परिचय देते हुए युवती का अस्पताल में इलाज कराया।
उपचार के बाद जब युवती को बेसुध अवस्था से थोड़ा होश आया तो उसने अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट का नम्बर दिया, लेकिन अपना पता फिर भी नहीं बता पा रही थी। युवती ने पुलिस को बताया कि उसे तीन दिन पहले दिल्ली में किसी ने प्रसाद खाने के लिए दिया था। प्रसाद खाने के बाद से उसे कोई होशों-हवास नहीं रहा। इसके बाद युवती के बताए गए नंबर पर पुलिस ने फोन किया और उसके परिजनों तक पहुंच गई। वहीं पुलिस से अपनी बेटी की जानकारी मिलते ही माता-पिता हापुड़ कोतवाली पहुंचे।
जहां पुलिस ने युवती को उनके सुपुर्द कर दिया। कोतवाली पहुंचे परिजनों ने अपनी बेटी का ख्याल रखने और उसका इलाज कराने के साथ ही उन्हें ढूंढने के लिए कोतवाली प्रभारी महावीर सिंह का तहे दिल से धन्यवाद दिया। युवती के पिता नरेंद्र ने कहा कि पुलिस ने जिस तरह से हमारी बेटी को हमसे मिलवाया है वह प्रशंसनीय है। इसके बाद परिजन युवती को साथ लेकर दिल्ली लौट गए।
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