शिक्षा सत्र प्रारंभ हुए करीब 4 माह से अधिक का समय बीत चुका है। अतिथि शिक्षकों को विद्यालयों में 1 अगस्त से रखे जाने के आदेश विभाग द्वारा जारी किए गए थे, जिसके बाद से अतिथियो द्वारा विद्यालयों में पहुंचकर अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। इसमें से कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जो आदेश में पूर्व विद्यालयों में पहुंचकर अध्यापन करा रहे थे। ऐसे में शिक्षकों को उनकी नियुक्ति के 3 माह बीतने के बाद भी वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, जबकि विभाग द्वारा नियमित शिक्षकों को प्रतिमाह वेतन का भुगतान किया जा रहा है। यहां तक शासन द्वारा कर्मचारियों को माह का भुगतान वर्तमान माह में ही किए जा रहे हैं। ऐसे में अतिथि शिक्षकों के साथ वेतन भुगतान में विसंगति की जा रही है। सामने दीपावली जैसा महापर्व आने को है। जहां ओर कर्मचारियों के घरों में धनतेरस दीपावली की तैयारियां चल रही हंै, वहीं दूसरी ओर अतिथि शिक्षकों को अपने भरण-पोषण के लिए ही भोजन नहीं मिल पा रहा है। वेतन भुगतान के अभाव में अतिथियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अतिथि शिक्षकों सबसे कम वेतन पर कार्य करने वाली शिक्षा की सबसे छोटी कर्मचारी इकाई है। जिन्हें वेतन तो कम दिया जाता है, उस पर भी छुट्टी के दिन का पैसा काट लिया जाता है। बावजूद उसके बचा हुआ वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। अतिथि शिक्षकों को तीन वर्गो में रखा गया है, जिसमें अतिथि शिक्षकों को उनकी दक्षता एवं पात्रता के अनुसार वेतन का भुगतान किया जाता है, जिसमें भी प्रत्येक रविवार, शासकीय अवकाश, राष्ट्रीय पर्वो का वेतन काट लिया जाता है। जबकि नियमित शिक्षकों को इसका भुगतान होता है। बावजूद उसके अतिथि शिक्षकों को उनके वेतन का भुगतान समय पर नहीं किया जाता है। ऐसी स्थिति अतिथि शिक्षक परेशान हो रहे हंै। वे अपनेे वेतन के लिए अधिकारियों को अवगत भी कर चुके हैं, लेकिन उनका निराकरण नहीं कराया जा रहा है।
अतिथि के वेतन के भुगतान के लिए बिल लगाए जा चुके हंै। वेतन भुगतान के नए मापदंड के अंतर्गत भुगतान प्रक्रिया में देरी हो रही थी। शीघ्र ही वेतन का भुगतान हो जाएगा।
डीएस रघुवंशी, बीईओ, खिरकिया