14 सितंबर को हाथरस में हुई कथित गैंगरेप की घटना की पीड़िता की 29 सितंबर को दिल्ली के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। पीड़िता की माैत के बाद यूपी पुलिस ने आधी रात को मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया था। आधी रात में चिता जलाने कि घटना के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था। विरोधी पार्टियों ने भी इस घटना पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन करते हुए पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी।
उस समय एसआईटी को सात दिन का समय दिया गया था और कहा गया था कि सात दिन के अंदर टीम अपनी रिपोर्ट देगी। यह मामला जब सुर्खियों में तो एसआईटी पर भी दबाव बढ़ गया और एसआईटी ने 10 दिन अतिरिक्त समय मांग लिया। सरकार ने एसआईटी को 10 दिन का समय दे दिया। इस घटना में अब तक हाथरस के एसपी समेत कई अफसरों पर गाज गिर चुकी है। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई और तीन दिन पहले हाथरस पहुंची सीबीआई की टीम ने भी अपनी जांच शुरू कर दी। इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दिए जाने के बाद भी एसआईटी की जांच रिपोर्ट को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यही कारण है कि अब एसआईटी की रिपोर्ट पर सभी की नजर है।
ये है एसआईटी की जांच एसआईटी ने अपनी जांच में पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ साथ गांव वालों से भी बयाान लिए हैं। एसआईटी ने अफसरों के साथ साथ कुछ अन्य लोगों से भी इस मामले में बात की है और उनके बयानाें काे भी अपनी रिपाेर्ट में दर्ज किया है। आरोपियों के बयान भी लिए गए हैं। इसके साथ ही पुलिस की जांच रिपोर्ट को भी एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में संलग्न किया है। एसआईटी की रिपोर्ट में क्या है ? यह तो अभी साफ नहीं किया गया है लेकिन अब बताया जा रहा है कि 17 अक्टूबर को एसआईटी अपनी इस पूरी रिपाेर्ट काे सरकार को सौंप देगी। इसके बाद ही यह बता चल पाएगा कि इस चर्चित मामले में पहली जांच रिपाेर्ट क्या बताती है।