सीबीआई की टीम के साथ पीड़िता का भाई भी मौजूद रहा और भाई ने ही घटनास्थल बताते हुए वह स्थल भी सीबीआई की टीम को दिखाया जहां पर पीड़िता की चिता को जलाया गया था। सीबीआई की जिस टीम ने घटनास्थल और अंत्येष्टि स्थल का निरीक्षण किया है उसमें कुल 15 अधिकारी शामिल थे यह टीम छह गाड़ियों में सवार होकर पहुंचे थी। पीड़िता के भाई ने टीम को बताया कि 14 सितंबर को उसकी बहन पर हमला किया गया था। घटनास्थल घर से करीब 500 मीटर दूर बताया जा रहा है।
इसी बीच मृतक पीड़िता के माता-पिता की तबीयत बिगड़ गई जिन्हें आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल से पीड़िता की मां को छुट्टी दे दी गई। डॉक्टर ने बताया कि थकावट की वजह से उनका ( पीड़िता की माँ ) ब्लड प्रेशर बढ़ गया। चिकित्सकों ने पीड़िता की मां को आराम करने की सलाह दी है। इस बीच कोरोनावायरस की जांच कराए जाने के लिए भी कहा गया लेकिन परिजनों ने कोरोनावायरस की जांच कराने से मना कर दिया है। मृत पीड़िता के पिता की तबीयत भी ठीक नहीं है फिलहाल उन्हें प्राथमिक तौर पर उपचार दिया गया है।
घटनास्थल और अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचने से पहले सीबीआई ने होमवर्क किया। उन्होंने पूरी केस डायरी पुलिस क्षेत्राधिकारी से ली और उसे पढ़ने के बाद जिला अस्पताल की रिपोर्ट फॉरेंसिक रिपोर्ट और मेडिकल रिपोर्ट के साथ-साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट को पढ़ा। अब तक जितने भी दस्तावेज इस पूरे घटनाक्रम को लेकर तैयार किए गए हैं उन सभी का सीबीआई ने अध्ययन किय है। पीड़ित परिवार के लोगों से बात की है। पीड़िता के परिजनों से बात करने और दुर्घटना में अंत्येष्टि स्थल का निरीक्षण करने के बाद एक बार फिर से सीबीआई की टीम अब उन दस्तावेजों का अध्ययन कर रही है जो इस केस से संबंधित अभी तक तैयार किए गए हैं। इस मामले को लेकर अब तक सभी तरह के वीडियो और फोटो भी सीबीआई की टीम ने लिए हैं। पीड़िता के पहले बयान से लेकर इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर की केस डायरी में मौजूद बयानों तक का विश्लेषण किया जा रहा है।
पुलिस ने प्राथमिक तौर पर सीबीआई को जानकारी दी है कि 24 सितंबर को घटना हुई थी। इसके बाद युवती के भाई की ओर से तहरीर आई। तहरीर के आधार पर जानलेवा हमला और sc-st अधिनियम के तहत केस दर्ज किया। मुख्य आरोपी संदीप ठाकुर को 29 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इसके बाद मुकदमे में पीड़िता के बयानों के आधार पर अन्य धाराएं जोड़ी गई। पीड़िता ने सामूहिक दुष्कर्म की बात बताई जिसके बाद अन्य आराेपियाें के नाम सामने आए। 26 सितंबर को पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। शुरुआत में इस मामले की विवेचना तत्कालीन प्रभारी सीओ राम शब्द कर रहे थे। उनके बाद 20 सितंबर से इस पूरे घटनाक्रम की जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी ब्रह्मा सिंह को दे दी गई थी। अब तक की जांच में सामने आए तथ्य और लिखी गई केस डायरी को अब सीबीआई ने पुलिस से लिया है और उसका भी अध्ययन किया जा रहा है।