
colorectal cancer increasing among the youth
Colorectal cancer : हाल के वर्षों में भारत में कोलोरेक्टल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर 31 से 40 वर्ष के युवाओं में। पहले यह सातवें स्थान पर सबसे आम कैंसर था, लेकिन अब यह चौथे स्थान पर आ गया है। खराब आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी, तंबाकू और शराब का अधिक सेवन इस बढ़ते जोखिम के प्रमुख कारण हैं। यदि समय पर जांच और उपचार किया जाए, तो इस कैंसर का इलाज संभव है, और जीवनशैली में कुछ सुधार से इसके जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
आहार में बदलाव: प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट और फैटी फूड का अधिक सेवन।
फाइबर और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी: फलों और सब्जियों का कम सेवन।
गतिहीन जीवनशैली: शारीरिक गतिविधि की कमी।
तंबाकू और शराब का अधिक उपयोग।
सेब के आकार का शरीर वह है जिसमें वसा मुख्य रूप से पेट और कमर के आसपास जमा होती है। इस प्रकार की संरचना में शरीर के मध्य भाग पर अधिक चौड़ाई होती है। इसके विपरीत, नाशपाती के आकार का शरीर वह है जिसमें वसा कूल्हों, जांघों और नितंबों में अधिक होती है।
सेब के आकार की शरीर संरचना खतरनाक मानी जाती है क्योंकि इसमें आंतरिक वसा (विसरल फैट) की मात्रा अधिक होती है। यह वसा त्वचा के नीचे नहीं बल्कि आंतरिक अंगों के आसपास जमा होती है, जैसे कि हृदय, लिवर और किडनी।
सेब के आकार की संरचना रखने वाले लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम अधिक होता है।
अगर किसी का बीएमआई सामान्य है, फिर भी सेब के आकार की संरचना वाले लोग हृदय रोग और मधुमेह जैसे क्रॉनिक रोगों के जोखिम में रहते हैं।
पेट की वसा से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
Published on:
22 Jan 2025 07:33 am
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