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Emotional Blunting: क्या है इमोशनल ब्लंटिंग, जाने इसके कारण और लक्षण

Emotional Blunting: क्या होता है इमोशनल ब्लंटिंग? आइए इसके बारे में जानते हैं सबकुछ

Aug 20, 2021 / 07:20 pm

Neelam Chouhan

depression

Emotional Blunting: क्या है इमोशनल ब्लंटिंग, जाने इसके कारण और लक्षण

नई दिल्ली।Emotional Blunting: हम मनुष्यों में अपनी भावनाओं को जाहिर करने का तरीका अलग-अलग होता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपनी बात और अपनी भावनाएं दूसरों से आसानी से शेयर कर लेते है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी भावनाएं किसी से आसानी से शेयर नहीं कर पाते हैं। इसको इमोशनल ब्लंटिंग बोला जाता है। ये इमोशनल ब्लंटिंग इंसान को धीरे-धीरे खोखला बना देती है। इससे व्यक्ति डिप्रेशन में भी जा सकता है। इसके साथ ही ये दिमागी समस्या को भी जन्म दे सकती है।
Emotional Blunting
आइए जानते हैं क्या होता है इमोशनल ब्लंटिंग
इमोशनल ब्लंटिंग का ये मतलब होता है कि, एक व्यक्ति पूरी तरह से किसी भी इमोशन से गुजरता है परंतु अपनी प्रतिक्रिया को सामने वाले से ठीक से नहीं बोल पाता है इसे इमोशनल ब्लंटिंग कहा जाता है। वे अपनी भावनाएं दूसरों को नहीं बता पाता है,या बताने में उसे
हिचकिचाहट महसूस होती है। वहीँ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनको ये मालूम नहीं होता है कि वे किस इमोशन से गुजर रहे हैं। और अपने ही भावनाओं का अनुभव नहीं कर पा रहे होते हैं। और धीरे-धीरे उनमें संभवतः भावनात्मक सुन्नता आ जाती है।
इमोशनल ब्लंटिंग से प्रभावित लोग अपनी बात दूसरों तक न बोल पाते हैं, न लिख पाते हैं और अपने व्यवहार से भी असमर्थ नजर आते हैं। क्योंकि उनको ये समझ नहीं आ रहा होता है कि अपने भावनाओं को कैसे व्यक्त किया जाए। इससे पीड़ित व्यक्ति अपने चेहरे से भी अपनी भावनाओं को नहीं दिखा पाते हैं। और यहां तक की अपनी बात रखने में कठिनाई महसूस होती है।
यह भी पढ़ें: जानिए डिप्रेशन के लक्षण

ये एक कॉमन कंडीशन हो सकती है जो लोग डिप्रेशन या पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर से सफर कर रहे हों, उनमें इमोशनल ब्लंटिंग इन वजहों से हो सकती हैं –
मेडिकेशन्स यानी दवाएं
एंटीडिसप्रेसेंट एक व्यक्ति को भावनात्मक रूप से इमोशनल ब्लंट बना सकती है। ये आपके तंत्रिका तंत्र में ट्रिगरिंग इनहिबिटर भी पैदा कर सकती है। जिससे आप इमोशनलेस हो सकते हैं या ये भावनाओं को फील करने की क्षमता को कम कर देता है।
एल्कोहल या शराब का सेवन
ड्रग्स या एल्कोहल का सेवन आपके नर्वस सिस्टम में प्रभाव डालता है। इसके सेवन से आप ये नहीं महसूस कर पाते हैं कि आप क्या सोंच रहे हैं। इसका सेवन सोचने समझने की पावर को कम कर देता है।

डिप्रेशन
जब भी व्यक्ति डिप्रेशन में होता है वे कुछ महसूस नहीं कर पाता है। वे अपने आस-पास होने वाली चीज़ों के बारे में गैर प्रतिक्रियाशील फील करने लगता है। डिप्रेशन एक तरीके से व्यक्ति को भावनात्मक तरीके से सोचने की क्षमता को खत्म कर देती है।

पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर
भावनात्मक अलगाव, कोई बुरा या दर्दनाक फ्लैशबैक पर खराब मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति को इमोशनल ब्लंटिंग से पीड़ित बना सकती है।

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