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स्वास्थ्य

कोरोना वायरस के चलते एन-95 मास्क पड़े कम, 30 फीसदी की वैश्विक वृद्धि

अमरीकी चिकित्साकर्मियों के लिए एन-95 मास्क की कमी, कंपनी ने युद्धस्तर पर उत्पादन कर न्यूयॉर्क और सिएटल के लिए 5 लाख मास्क भेजे

जयपुरMar 24, 2020 / 01:26 am

Mohmad Imran

कोरोना वायरस के चलते एन-95 मास्क पड़े कम, 30 फीसदी की वैश्विक वृद्धि

कोरोना वायरस के चलते एन-95 मास्क पड़े कम, 30 फीसदी की वैश्विक वृद्धि

नोवेल कोरोना वायरस में संक्रमण रोकने में सबसे कारगर मास्क एन-95 महामारी के इस दौर में मांग के दबाव और production की कमी से जूझ रहा है। स्थिति यह है कि आम लागों के लिए ही नहीं मरीजों की सेवा में जुटे चिकित्साकर्मियों के लिए भी एन-95 मास्क उपलब्ध नहीं हैं। अमरीका में जिस तेजी से यह महामारी अपने पांव पसार रही है उसे देखते हुए अमरीकी कंपनी ३एम ने हाल ही इस मास्क के लिए बड़े आ्रॅर्डर तारी किए हैं। 3एम कंपनी एक अमरीकी बहुराष्ट्रीय समूह है जो उद्योग, श्रमिक सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और उपभोक्ता संबंधी वस्तुओं के क्षेत्र में काम करती है। ३एम ने कहा कि अगले साल तक मास्क का वैश्विक उत्पादन दोगुना हो जाएगा। कंपनी ने हाल ही मास्क उत्पादन में 30 फसदी की वैश्विक वृद्धि दर्ज की है। अमरीका की दक्षिण डकोटा और नेब्रास्का में कंपनी की यूनिट एक महीने में 3.5 करोड़ (35 मिलियन) एन-95 मास्क का उत्पादन कर रही हैं ताकि पूर्ति की जा सके। 3एम के अध्यक्ष और सीईओ माइक रोमन ने बताया कि अब वे मास्क का 90 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों के लिए बना रहे हैं। जबकि बाकी 10 फीसदी उन औद्योगिक श्रमिकों के पास जाएंगे जो ऊर्जा, खाद्य और फार्मास्यूटिकल्स जैसे अन्य क्षेत्रों में काम करते हैं। अमरीकी चिकित्साकर्मियों के लिए एन-95 मास्क की कमी, कंपनी ने युद्धस्तर पर उत्पादन कर न्यूयॉर्क और सिएटल के लिए 5 लाख मास्क भेजे हैं।
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औद्योगिक उपयोग के लिए थे
हालांकि एन 95 मास्क औद्योगिक उपयोग के लिए डिज़ाइन किए गए थे लेकिन महामारी में इनकी उपयोगिता को देखते हुए हाल ही व्यवसायिक उपयोग संबंधी कानून में परिवर्तन कर एन 95 मास्क को रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के लिए भी स्वीकृत कर दिए गए हैं। यह मास्क कम से कम 95 फीसदी हवा में मौजूद कणों को फिल्टर करते हैं। अमरीकी स्वास्थ्य विभाग एफडीए ने कहा कि उनकी कसौटियों पर भी यह मास्क वैज्ञानिक परीक्षणों पर खरा उतरा है। एफडीए का कहना है कि यह मास्क श्वसन रोग विशेषज्ञ, स्वास्थ्य देखभाल, रोगजनक जैविक हवाई कणों के संपर्क में आने से रोकने में प्रभावी हैं।
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कीमतें छू रहीं आसमान
जो मास्क वे अभी तक 85 सेंट में मिल रहा था कोरोना वायरस के महामारी बनने के बाद 7 डॉलर का बिक रहा है। रोमन ने कहा कि मास्क की कालाबाजारी रोकने और कीमतों में वृद्धि न होने देने के लिए वे अब खरीदने वाली कंपनियों से 1000 मास्क का ही अनुबंध कर रहे हैं। ३एम कंपनी यूरोप, एशिया और लैटिन अमेरिका में भी मास्क बनाती है। कंपनी के सीईओ रोमन ने कहा कि वे अभी विशेष रूप से कोरोना वायरस को केन्द्र में रखकर मास्क तैयार कर रहे हैं।
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