JN.1 कोविड की नई चिंता बनकर उभरा है, ये करीब 41 देशों में फैल चुका है. भारत में भी अब तक 109 JN.1 के मामले सामने आए हैं. लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ये बीमारी ज्यादातर मामलों में हल्की होती है, जैसे कोई सामान्य सर्दी-जुकाम हो.
डॉक्टर प्रमोद सत्य का कहना है कि “JN.1 टीकों को पूरी तरह से चकमा नहीं दे सकता, लेकिन ये बीमारी बहुत ज्यादा गंभीर भी नहीं है. इसलिए फिलहाल बूस्टर डोज लेने की जरूरत नहीं है.”
उन्होंने ये भी बताया कि दो साल पहले लगे टीके भी ओमिक्रोन के गंभीर रूपों से काफी हद तक बचाते हैं, और JN.1 भी ओमिक्रोन का ही एक छोटा रूप है. इसलिए जानलेवा बीमारी होने का खतरा नहीं है.
हालांकि कोविड के मामले बढ़ रहे हैं और JN.1 भी तेजी से फैल रहा है, लेकिन सरकार ने भी फिलहाल बूस्टर डोज देने का कोई निर्णय नहीं लिया है. देश में अब तक 220 करोड़ से ज्यादा कोविड टीके लगाए जा चुके हैं, लेकिन बूस्टर डोज का आंकड़ा सिर्फ 22 करोड़ के आसपास है.
डॉक्टर रविंद्र गुप्ता का भी कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है. टीकों ने पहले ही कोविड से काफी हद तक रक्षा कर ली है, और ये JN.1 से भी लड़ने में मदद करेंगे.
हालांकि, ये जरूर है कि JN.1 कुछ ज्यादा तेजी से फैलता है, लेकिन बीमारी हल्की होती है. डॉक्टर सत्य बताते हैं कि ये फ्लू से भी कम गंभीर है, और इसके नए या गंभीर लक्षण नहीं दिखे हैं.
इस बीच, सरकार ने राज्यों को अलर्ट कर दिया है कि वो टेस्टिंग और सर्विलांस बढ़ाएं, ताकि अगर मामले और बढ़ें तो उन्हें संभाला जा सके. डॉक्टर गुप्ता ने खासकर बच्चों, बुजुर्गों और जिन लोगों को डायबिटीज, किडनी या फेफड़ों की बीमारी है, उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी है. मास्क पहनना, हाथ धोना और खान-पान का ख्याल रखना जरूरी है.
तो, ये जान लें कि JN.1 भले ही फैल रहा है, लेकिन फिलहाल बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है. टीके पहले ही काफी हद तक बचाते हैं, और बीमारी भी गंभीर नहीं है. लेकिन सावधानी जरूर बरतें, ताकि खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखा जा सके.