नैनोप्लास्टिक: एक अदृश्य खतरा
शोधकर्ताओं ने पाया है कि प्लास्टिक की बोतलों (Single Use Plastics) से निकलने वाले नैनोप्लास्टिक बैक्टीरिया को एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी बना सकते हैं। ये नैनोप्लास्टिक इतने छोटे होते हैं कि आंखों से दिखाई नहीं देते, लेकिन ये हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।आंत के बैक्टीरिया पर पड़ता है प्रभाव
शोधकर्ताओं ने लैक्टोबेसिलस एसिडोफिलस नामक बैक्टीरिया पर अध्ययन किया जो हमारी आंत में पाया जाता है। उन्होंने पाया कि नैनोप्लास्टिक इन बैक्टीरिया को एंटीबायोटिक प्रतिरोध जीन प्राप्त करने में मदद करते हैं। इससे ये बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के प्रभाव से बचे रहते हैं और संक्रमण फैलाने की क्षमता रखते हैं।दो नए तंत्रों का खुलासा
शोधकर्ताओं ने दो नए तंत्रों का पता लगाया है जिनके माध्यम से नैनोप्लास्टिक एंटीबायोटिक प्रतिरोध (Antibiotic resistance) सिंगल यूज प्लास्टिक से घटता एंटीबायोटिक का प्रभाव, आईएनएसटी का चौंकाने वाला खुलासा) जीन को फैलाते हैं:पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना: हमें प्लास्टिक के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना होगा ताकि कचरे की मात्रा कम हो सके।
बायोडिग्रेडेबल विकल्पों को अपनाना: हमें प्लास्टिक के बायोडिग्रेडेबल विकल्पों को अपनाना होगा।
एंटीबायोटिक दवाओं का समझदारी से उपयोग: हमें एंटीबायोटिक दवाओं का केवल डॉक्टर की सलाह पर ही उपयोग करना चाहिए।