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आमतौर पर पीरियड (Periods) मिस होने पर या लेट होने पर चिंता होती है। लेकिन कुछ लड़कियों में पीरियड (Periods) बहुत जल्दी, 7 साल की उम्र में भी शुरू हो जाते हैं। भारत में औसतन पीरियड (Periods) 12 साल में शुरू होता है, जबकि अमेरिका में 16-17 साल की उम्र में। लेकिन एक अध्ययन के अनुसार 10 से 15% लड़कियों में पीरियड 7 साल से पहले ही आ जाता है जिसे प्रीकोशियस प्यूबर्टी कहते हैं। कई कारण हैं जिनसे पीरियड (Periods) जल्दी आ सकता है। एक कारण बचपन में मोटापा बढ़ना है। इससे शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन (Estrogen hormone) ज्यादा बनता है जो पीरियड (Periods) को जल्दी शुरू कर सकता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कम व्यायाम और ज्यादा कैलोरी वाला खाना खाने से बच्चों का बीएमआई बढ़ रहा है। जंक फूड में शुगर और फैट ज्यादा होता है जिससे हार्मोनल असंतुलन होकर पीरियड अनियमित (Period irregular) हो सकता है। जीन भी एक कारण हो सकते हैं। जिन लड़कियों के परिवार में जल्दी पीरियड (Period) आने की हिस्ट्री है, उनमें भी जल्दी पीरियड (Period) आने की संभावना ज्यादा रहती है।
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कुछ रसायन भी शरीर के हार्मोन को प्रभावित कर सकते हैं। प्लास्टिक की बोतल और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले कुछ केमिकल शरीर में एस्ट्रोजन का काम करते हैं, जिससे पीरियड (Period) जल्दी आ सकता है।
गरीबी भी एक कारण हो सकता है। गरीबी की वजह से तनाव रहना हॉर्मोन्स को असंतुलित कर सकता है जिससे पीरियड (Period) जल्दी आने की आशंका रहती है। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में भी बच्चों का वजन बढ़ा और तनाव भी बढ़ा जिससे कुछ लड़कियों में पीरियड (Period) जल्दी आ गया।
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पीरियड जल्दी (Early periods) आने से शारीरिक और मानसिक परेशानी हो सकती है। लड़कियां भावनात्मक रूप से तैयार नहीं हो पातीं। इससे शर्मिंदगी या उलझन भी हो सकती है। जल्दी पीरियड (Early periods) आने से हड्डियां जल्दी विकसित होकर लंबाई रुक सकती है। इससे आगे चलकर ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) , हृदय रोग जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
इसलिए जरूरी है कि माता-पिता बच्चों को शारीरिक और मानसिक सहयोग दें और सही समय पर डॉक्टर से सलाह लें।
Updated on:
12 Jan 2025 11:16 am
Published on:
08 Mar 2024 03:37 pm
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