धर्म, अध्यात्म तथा प्रागैतिहासिक कालीन सिद्धांत शैली का अनुसरण जन मानस तथा समाज में दिखाई देगा। खगोलीय गणना से देखें तो बुध, शुक्र, हर्षल का आकृति चक्र अंतरिक्ष विज्ञान में नई-नई संभावनाएं तलाशते हुए रहस्यों को खोजने वाला साबित होगा।
सामाजिक वृष्टिकोण से आम आदमी की आर्थिक स्थिति में बढ़ोत्तरी होगी। राजनीतिक दृष्टिकोण से संवैधानिक संशोधनों का दौर रहेगा। न्याय प्रणाली में कई परिवर्तन होंगे। व्यापार तथा व्यवसाय में विदेशी हस्तक्षेप घटेगा। स्वदेशी शोध, शिक्षा प्रणाली, अंतरिक्ष अनुसंधान, संचार साधन, यंत्र विज्ञान, आदि से जुड़े क्षेत्रों में प्रगति होगी।