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होशंगाबाद

83 हजार बच्चों को टीका लगाने से चूके तो होशंगाबाद, बैतूल और हरदा हुए फिसड्डी

रैंकिंग : टीकाकरण अभियान में 40वे नंबर पर होशंगाबाद, 50वे स्थान पर बैतूल और 51 नंबर पर रहा हरदा

होशंगाबादMar 19, 2019 / 08:34 pm

Manoj Kundoo

Hoshangabad, Betul and Harda missed if 83 thousand children were vaccinated

Campaign to be run by Measles and Rubel’s criticism

मनोज कुंडू. होशंगाबाद

मीजल्स-रुबेला अभियान की प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में संभाग के तीनों जिले होशंगाबाद, बैतूल और हरदा फिसड्डी साबित हुए हैं। रैंकिंग में बताया गया कि तीनों जिले को १० लाख ६ हजार ४५९ बच्चों को टीके लगाने का लक्ष्य दिया था। ५७ दिन तक चले एमआर अभियान में ९ लाख २३ हजार ७३१ बच्चों को ही टीके लगाए गए। टीकाकरण अभियान से अब भी ८२ हजार ७२८ बच्चे छूट गए हैं। जिन पर मीजल्स रुबेला का खतरा मंडरा रहा है। यही वजह है अभियान की रैंकिंग में होशंगाबाद ४०वे, बैतूल ५० और सबसे आखिरी में ५१ व नंबर पर हरदा जिला है। पहले टॉप टेन में थे बैतूल-होशंगाबाद – अभियान के पहले चरण में होशंगाबाद और बैतूल टॉप-१० में थे। बैतूल ७वे और होशंगाबाद आठवें स्थान पर था। इस समय हरदा ५०वे नंबर पर था। यह रैंकिंग १५ जनवरी से ५ फरवरी के बीच की थी।
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कहां कितना हुआ टीकाकरण-
-जिला -लक्ष्य -टीके लगाए – शेष
-होशंगाबाद -३६०२९६ -३४३२७६ -१७०२०
-बैतूल -४६५०६५ -४२०१०७ -४४९५८
-हरदा -१८१०९८ -१६०३४८ -२०७५०
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यह रही रैकिंग में हालत-
रैंक : ४० – होशंगाबाद : ९५.३ प्रतिशत
रैंक : ५० – बैतूल : ९०.३ प्रतिशत
रैंक : ५१ – हरदा : ८८.५ प्रतिशत
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रैंकिंग में प्रदेश के टॉप-५ जिले –
नंबर १ – उज्जैन : १०६.१ प्रतिशत
नंबर २ – इंदौर : १०६.० प्रतिशत
नंबर ३ – छतरपुर : १०१.८ प्रतिशत
नंबर ४ – सिंगरौली : १०१.३ प्रतिशत
नंबर ५ – कटनी : १०१.१ प्रतिशत
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इसलिए जरूरी है एमआर टीका- एमआर यानि मीजल्स रूबेला को देश में खसरे के नाम से जाना जाता है। खसरा और रूबेला बच्चों में होने वाली खतरनाक बीमारी है। इसके कारण विकलांगता और असमय मृत्यु का खतरा रहता है। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान किसी महिला को रूबेला या खसरा हो तो इसका असर उसके नवजात भ्रुण या शिशु के लिए खतरनाक होता है।
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इसलिए चलाया अभियान-
-अभियान की शुरूआत १५ जनवरी को डब्ल्यूएचओ की मदद से की थी। -9 माह से लेकर 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों को टीके लगाए गए। -डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया भर में वर्ष 2012 में लगभग एक लाख रुबेला मामले सामने आए।
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अब यहां लगवाएं टीका- कोल्डचेन प्रभारी सतीश पटेल ने बताया कि टीकाकरण अभियान में यदि आप अपने बच्चे को टीका लगाने से चूक गए हैं तो नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सरकारी अस्पताल या जिला अस्पताल में जाकर एमआर टीका लगवा सकते हैं।
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इनका कहना है…
शुरुआती दौर में पूरी टीम ने जबरदस्त काम किया था। इसी वजह से हम टॉप टेन में थे। टारगेट पूरा करने की कोशिश की गई, समय कम होने से लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया।
-नलिनी गौंड़, जिला टीकाकरण अधिकारी होशंगाबाद।

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