पूरी दुनिया में छाई रही 2020 की ये डिक्शनरी, बदल गए ABC से XYZ अल्फाबेट्स के मतलब
- कोरोना वायरस महामारी ने अल्फाबेट्स की नई मीनिंग्स सिखाईं।
- क्या आपको पता है कि C से सबसे पहले क्या जुबान पर आता है।
- आरोग्य सेतु से ज़ूम कॉल के बीच में सभी नए शब्द जुबां पर चढ़े।

नई दिल्ली। और आखिरकार हम इस खतरनाक और दुनिया को हिला देने वाले ऐतिहासिक वर्ष 2020 को अलविदा कह चुके हैं। वाकई महामारी से भरा यह साल डरावना रहा था। किसी ने भी आज तक सपने में भी इस तरह महामारी के बीच डर के साये में जीने की कल्पना नहीं की होगी। लाखों लोगों की जिंदगी इस महामारी ने लील ली है और हम सब इस 'नए सामान्य' (New Normal) में जिंदा बच गए हैं, तो यह बात भी अच्छी तरह पता चल गई है कि अब अंग्रेजी अल्फाबेट्स पर भी कोरोना प्रभाव पड़ा है। आलम यह है कि वर्ष 2020 ने अंग्रेजी के ए-बी-सी से लेकर एक्स-वाई-जेड तक के मतलब बदल दिए हैं।
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आइए जानते हैं कि पिछले वर्ष ने अल्फाबेट्स के हमें क्या नए मतलब सिखाए हैं:
A- आयुष मंत्रालय, आरोग्य सेतु ऐप, एयर पोर्ट, एयर बबल
यह कहना शायद सही होगा कि लोगों ने बीते वर्ष वैकल्पिक और स्वदेशी दवाओं की ओर रुख किया, वे स्वस्थ कैसे रह सकते हैं, यह जानने के लिए आयुष मंत्रालय की ओर देखा। इसके अलावा सरकार ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंह के लिए आरोग्य सेतु ऐप भी पेश किया। एयरपोर्ट्स चर्चा का विषय बन गए, जिसके बाद घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा धीरे-धीरे बंद होने लगी और दो देशों के बीच हवाई यात्रा एयर बबल्स के जरिये की गई।
B- बेकिंग ऐट होम
लॉकडाउन लागू होने के साथ ही कहीं जाने पर पाबंदी के साथ लोगों ने खुद को व्यस्त रखने के लिए खाना बनाने के साथ ही नई चीजें बनाना-सीखना शुरू कर दिया। इनमें से बेकिंग बहुत बड़ी हिट साबित हुई। कई रसोइये, मशहूर हस्तियां और लोग शानदार चीजें बेक करके सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे।
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C- कोरोनावायरस , कोविड-19
जाहिर सी बात है कि पिछले साल का सबसे खतरनाक और जिंदगी भर याद रहने वाला शब्द यही है। इसने C फॉर कैट की जगह सी फॉर कोरोना याद दिला दिया। इस अल्फाबेट की वजह से 2020 की यह नई डिक्शनरी भी बन गई, जिसे याद करके हर किसी के जहन में डर आ जाता है।
D- डॉक्टर, डोमेस्टिक हेल्प, DIY, Dalgona
इस महामारी के दौरान जो धरती पर भगवान का स्वरूप बनकर सामने आए, वो डॉक्टर्स और नर्स थे। मार्च के बाद से लगातार काम करते हुए उनके पास कोई ब्रेक नहीं है। देश भर में डोमेस्टिक हेल्प्स ने भी कुछ पैसे के बदले इन मुश्किल समय में भी अपनी सेवाएं दी हैं। अफसोस की बात है कि इनमें से कुछ बेरोजगार बने हुए हैं। इसके अलावा लोगों में DIY या डू-इट-योरसेल्फ की प्रवृत्ति भी शुरू हुई दिया, क्योंकि लॉकडाउन में बिताए महीनों ने हमें आत्मनिर्भर होना सिखाया। और क्या हम कभी भी डैलगोना कॉफ़ी (Dalgona) के चलन को भूल सकते हैं, जिसने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया था? इसने सभी को एक कॉफी प्रेमी में बदल दिया!
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E- एंटरटेनमेंट ऐट होम
बीते साल लोगों ने अपने आप को व्यस्त रखने और घर में एंटरटेनमेंट के लिए ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म और अन्य डिजिटल साधनों का इस्तेमाल किया। लॉकडाउन में जब घर से बाहर जाने का कोई सवाल ही नहीं था, हमें घर के भीतर मनोरंजन के जो भी विकल्प उपलब्ध थे, उन्हें अपनाना पड़ा।
F- फ्रंटलाइन वरियर्स, फेस मास्क
इन दो शब्दों ने हमारे लिए 2020 को चिह्नित किया। जबकि हम में से कुछ को घर पर रहने का सौभाग्य मिला था, जबकि कुछ अन्य लोग महामारी का सामना कर रहे थे। ये लोग हमारे अग्रिम पंक्ति के योद्धा और महामारी के असली नायक रहे हैं - हमारे डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी, पुलिस कर्मी, जो हमारी सीमाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं का बचाव करते हैं, कुछ का नाम लेने के लिए। यह भी जरूरी हो गया कि हम खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखने के लिए मास्क पहनें।
G- ग्लव्स, गवर्नमेंट गाइडलाइंस
पिछला वर्ष सभी के जिम्मेदार होने के साथ ही सरकार द्वारा अनिवार्य दिशानिर्देशों (गवर्नमेंट गाइडलाइंस) का पालन करने के बारे में था। इसके अलावा पिछला वर्ष दस्ताने (ग्लव्स) के बारे में भी था- जो न कि आपको गर्म रखने के लिए, बल्कि वायरस को आपके हाथों तक पहुंचने से रोकते हैं।
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H- हॉस्पिटल, होम क्वारंटीन
मरीजों की भीड़ बढ़ने के कारण देश भर के अस्पताल पिछले साल पहले से ज्यादा व्यस्त हो गए। होम क्वारंटीन की अवधारणा को भी पेश किया गया था, जिसमें हल्के और संभाले जा सकने वाले लक्षणों वाले लोगों को सलाह दी गई थी कि वे अपने घर में क्वारंटीन रहें।
I- आइसोलेशन, इम्यूनिटी
लोगों को यह समझ में आ गया था कि लक्षण दिखने पर आपको खुद को अलग (आइसोलेट) करना होगा। इसके अलावा अपनी प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) का निर्माण भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह केवल आपके शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली है जो आपको इस महत्वपूर्ण समय में स्वस्थ रख सकती है।
J- जॉब लॉस
2020 की दुखद वास्तविकता यह थी कि अन्य चीजों के बीच, आर्थिक मंदी के कारण कई लोग अपने संगठनों में निरर्थक हो गए और अपनी नौकरी खो दी।
K- काढ़ा
काढ़ा प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) बढ़ाने वाले रूप में सामने आया। जड़ी-बूटियों और मसालों के संयोजन से बनने वाला काढ़ा पिछले वर्ष में सबसे अधिक मांग वाले पेय में से एक बन गया।
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L- लॉकडाउन
वह भयानक शब्द जो महामारी के शुरुआती महीनों में हमारे और महामारी के बीच खाली शहरों में लाया गया था।
M- माइग्रेंट क्राइसिस, मेंटल हेल्थ
प्रवासियों (माइग्रेंट) की भारी भीड़ जिन्हें कठोर मौसम में अपने शहर और गांवों में वापस जाना पड़ा, उन्होंने सुर्खियां बटोरीं। इसी तरह मानसिक स्वास्थ्य (मेंटल हेल्थ) संकट था, जो महामारी में लोगों को निशाना बनाने लगा।
N- न्यू नॉर्मल
हर कोई इस 'नए सामान्य' (New Normal) के बारे में बात कर रहा है, जिससे हमारे बोलने, बातचीत करने, लोगों के साथ जुड़ने, कपड़े पहनने, काम करने आदि के तरीके को बदल दिया। अब बस इतना ही कहने की जरूरत है कि हमें इस 'नए सामान्य' को अपनाने की जरूरत है।
O- ऑनलाइन क्लास
सब चीजों के साथ स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों ने अपनी कक्षाओं को ऑनलाइन स्थानांतरित कर दिया, जिससे बच्चों को कंप्यूटर की स्क्रीन के सामने बैठना और उनके शिक्षकों और सहपाठियों को वास्तव में कक्षा के बजाय वर्चुअल मिलना पड़ा।
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P- पैनडेमिक, पीपीई किट
पिछले साल महामारी (पैनडेमिक) में लोगों ने पहली बार पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण- पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) किट के बारे में जाना। लोगों के बीच बातचीत के दौरान इन दो शब्दों ने निश्चित रूप से बहुत कुछ दिखाया।
Q- क्वारंटीन
क्वारंटीन महामारी का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया, खासकर उन लोगों के लिए जो बीमार थे, या संभावित रूप से वायरस से संक्रमित थे।
R- रिकवरी
रुक-रुक कर अच्छी खबर सामने आई जब लोग संक्रमण से उबरे यानी रिकवरी की। हालांकि सबसे बुरी खबर सबसे खराब मंदी (रेसेजन) था जिसने देश को प्रभावित किया।
S- सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजर, सिंपटम्स
इन तीन शब्दों ने आम बातचीत में अपनी जगह बनाई। लोग लगातार अपने प्रियजनों के लक्षणों (सिंपटम्स) के बारे में पूछताछ करते दिखे। यह पता करते दिखे कि क्या वे सैनेटाइजर इस्तेमाल कर रहे हैं और यदि वे सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बना कर रख रहे हैं। क्योंकि ये सभी चीजें स्वस्थ रहने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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T- ट्रैवल रेस्ट्रिक्शंस
दुर्भाग्य से यात्रियों के लिए इस वर्ष कई प्रतिबंध (ट्रैवल रेस्ट्रिक्शंस) थे। बिना किसी यात्रा के साथ वर्ष की शुरुआत के बाद कई प्रतिबंधों के साथ यात्रा करना।
U- अनलॉक
लॉकडाउन में बिताए गए कई महीनों के बाद अनलॉक के विभिन्न चरण एक राहत के रूप में सामने आए।
V- वायरस, वैक्सीन
यह कहने में कोई दो राय नहीं कि लोगों ने वैक्सीन के विभिन्न चरणों के बारे में खोजने और पढ़ने में काफी वक्त बिताया। हालांकि यह देश में कब उपलब्ध होगी इसकी जानकारी तो नहीं है, लेकिन इसके जनवरी में ही आने की उम्मीद जताई जा रही है।
W- वर्क फ्रॉम होम
पिछला वर्ष लगभग पूरी तरह से घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) वाला रहा था। इस वर्क फ्रॉम होम सिस्टम में जाने के लिए बहुत अधिक आत्म-अनुशासन और दृढ़ संकल्प की जरूरत पड़ी, लेकिन अब लोग WFH से ऊबने लगे हैं।
X- ज़ेनोफोबिया
यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि कुछ लोगों को इस साल ज़ेनोफोबिया का अनुभव करना पड़ा, जो अज्ञानता की आड़ में उन पर निर्देशित भयानक टिप्पणियों के रूप में आया था।
Y- योगा ऐट होम
देश भर में कई लोगों ने हर दिन कुछ योग आसन और स्ट्रेच करके अपने समय का बेहतर उपयोग किया, ताकि फिट और स्वस्थ रहें।
Z- ज़ूम मीटिंग
पिछला वर्ष ज़ूम मीटिंग के रूप में भी जाना गया, जिसमें लोगों को ऑनलाइन वर्क, ऑनलाइन क्लास, ऑनलाइन मीटिंग, प्रजेंटेशन आदि के लिए सबसे पहले जुबान पर ज़ूम ही आया।
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