हॉट ऑन वेब

बच्चे की त्वचा की जांच में सामने आई मां के दूध की सच्चाई, बच्चों के भविष्य को लेकर शोधकर्ताओं ने कही ये बात

मां के दूध में ओलिगोसैकराइड्स (एचएमओ) पाया जाता है जिसकी संरचनात्मक में जटिल शर्करा के अणु होते हैं।

Jun 14, 2018 / 03:43 pm

Priya Singh

बच्चे की त्वचा की जांच में सामने आई मां के दूध की सच्चाई, बच्चों के भविष्य को लेकर शोधकर्ताओं ने कही ये बात

नई दिल्ली। बचपन में मां के दूध में मिलने वाला जटिल शर्करा का विशेष संयोजन भविष्य की होने वाली एलर्जी से बचाने में मददगार होता है। शोधकर्ताओं बताते हैं कि मां के दूध में मिलने वाले इस शर्करा का लाभ भले ही बचपन में नहीं मिले लेकिन भविष्य में रोग से लड़ने के लिए यह प्रतिरोधी क्षमता का काम करता है। मां के दूध में ओलिगोसैकराइड्स (एचएमओ) पाया जाता है जिसकी संरचनात्मक में जटिल शर्करा के अणु होते हैं। यह मां के दूध में पाए जाने वाले लेक्टोज और वसा के बाद तीसरा सबसे बड़ा ठोस घटक है।

Viral: ड्यूटी पर तैनात गार्ड कर रहा था अजीब इशारा, उसके दर्द को समझने के बजाए लोगों ने कर दी ऐसी हरकत

असल में बच्चे इसे पचा नहीं पाते हैं लेकिन लेकिन शिशु के आंत में माइक्रोबायोटा के विकास में प्रिबॉयोटिक के तौर पर काम करते हैं। माइक्रोबायोटा एलर्जी की बीमारी पर असर डालता है। इस शोध का प्रकाशन जर्नल ‘एलर्जी’ में किया गया है। शोध में एक साल की उम्र होने पर बच्चे की त्वचा की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि स्तनपान करने वाले शिशुओं ने खाद्य पदार्थ की एलर्जी के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखाई।

मजदूर ने सुबह ही की थी नाग की हत्या, रात में नागिन ने आकर ले लिया बदला

does breastfeeding prevent allergies

कनाडा के विनीपेग में मैनिटोबा विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर मेघन आजाद ने कहा, “परीक्षण में पॉजिटिव लक्षण का पाया जाना जरूरी नहीं है कि वह एलर्जी का साक्ष्य हो, लेकिन यह उच्च संवेदनशीलता का संकेत अवश्य देता है।” उन्होंने कहा, “बाल्यावस्था के संवेदीकरण हमेशा बाद के दिनों तक नहीं बने रहते हैं, लेकिन वे भविष्य में एलर्जी बीमारी के महत्वपूर्ण नैदानिक संकेतक और संभावनाओं को उजागर करते हैं।”

शेफ विकास और मुंबई दंगों से जुड़ा है एक फिल्मी किस्सा, 26 साल बाद हुई एक मुलाकात ने कायम की मिसाल

Home / Hot On Web / बच्चे की त्वचा की जांच में सामने आई मां के दूध की सच्चाई, बच्चों के भविष्य को लेकर शोधकर्ताओं ने कही ये बात

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.