सरकार ऐसे चार्जिंग स्टेशन देश के छोटे-बड़े सभी शहरों में लगाना चाहती है, जहां की आबादी 10 लाख से ज़्यादा है। इतना ही नहीं सरकार ऐसे चार्जिंग स्टेशन नेशनल हाईवे पर भी लगाने पर विचार कर रही है। नेशनल हाईवे पर ये चार्जिंग स्टेशन प्रत्येक 50 किमी के दायरे में हो सकते हैं। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि देश में कम से कम 15 हजार रैपिड चार्जिंग और 30 हजार स्लो चार्जिंग स्टेशन लगाने की जरुरत पड़ सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार अगले 3 से 5 साल में ये काम चरणबद्ध तरीके से शुरू कर सकती है।
देश भर में चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। चार्जिंग स्टेशन पर देश की बिजली कंपनियों से बिजली ली जाएगी। खबरों के मुताबिक जो कंपनी बिजली सप्लाई करेगी, उन्हें चार्जिंग स्टेशन लॉन्ग टर्म लीज़ पर दे दिया जाएगा। सरकार ने देश भर में चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए देश की बिजली कंपनियों को आदेश भी दे दिए हैं। सरकार ने ये आदेश
एनटीपीसी , पावरग्रिड कॉर्पोरेशन और इंडियन ऑयल को भेजे हैं। बताया जा रहा है कि सरकार के इस प्रस्ताव पर महिंद्रा, टाटा मोटर्स, ओला और उबर जैसी कंपनियां भी चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए विचार कर रही हैं। अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर देश में बिजली से चलने वाली गाड़ियों की मांग बढ़ जाएगी।