महिला ई हाट
इस योजना का मुख्य फोकस घर पर रहने वाली महिलाओं पर है। उन्हें ही ध्यान में रख कर यह योजना शुरु की गई है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक प्लेटफार्म तैयार किया है जिसके माध्यम से महिलाएं अपने हुनर के जरिए कमाई भी कर सकती हैं। मंत्रालय ने इस योजना का नाम महिला ‘ई-हाट’ दिया है। इस योजना के तहत घर पर रहने वाली महिलाओं को आर्थिक तौर पर मज़बूत करना है। ई-हाट की मदद से कोई भी महिला ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर अपना बिजनेस शुरू कर सकती है। सरकार इसका कोई चार्ज नहीं लेती। महिला ई-हाट योजना महिलाओं को व्यावसायिक रूप से सक्षम तथा उनके भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान को बढ़ावा देती है। अच्छी बात तो यह है कि इस प्रोग्राम का हिस्सा बनने के बाद व्यापारी अपने प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन पोर्टल पर नि:शुल्क रजिस्टर कर सकते हैं, और ख़रीदे या बेचे गए किसी भी सामान पर कमीशन नही देना पड़ता है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली 2 करोड़ से अधिक महिलाओं को गैस सिलेंडर वितरित किए गए। सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत अगले तीन सालों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली 5 करोड़ से अधिक महिलाओं को नए एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए 8000 करोड़ रुपये को मंज़ूरी दी है।
Working Women Hostel
वर्किंग वुमन हॉस्टल इस योजना का उद्देश्य है काम करने करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास असानी से उपलब्ध कराना। जहां पर उनके बच्चों के देखभाल की सुविधा और जरुरत की हर चीज आसपास उपलब्ध हो। यह योजना शहरी, सेमी अरबन और ग्रामीण सभी जगह पर उपलब्ध है जहां पर महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर मौजूद हैं।
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महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार कार्यक्रम
योजना का उद्देश्य उन स्किल्स को प्रदान करना है, जो महिलाओं को रोजगार की सुविधा प्रदान करते हैं और दक्षता और कौशल प्रदान करते हैं। साथ ही जो महिलाओं को स्व-रोजगार / उद्यमी बनने में सक्षम बनाती हैं क्षेत्रों में कृषि, बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण, हथकरघा, सिलाई, सिलाई, कढ़ाई, ज़री आदि हस्तशिल्प, कम्प्यूटर और आईटी कार्यस्थल के लिए सॉफ्ट स्किल और कौशल जैसे कथित अंग्रेजी, रत्न और आभूषण, यात्रा और पर्यटन, आतिथ्य जैसे कार्यों के लिए सेवाएं प्रदान करती है।
स्वाधार गृह
कठिन परिस्थितियों में महिलाओं के पुनर्वास के लिए 2002 में महिला और बाल विकास मंत्रालय ने स्वधार योजना शुरू की थी। यह योजना अपेक्षाकृत महिलाओं / लड़कियों की जरूरत के मुताबिक आश्रय, भोजन, कपड़े और देखभाल प्रदान करती है। लाभार्थियों में उनके परिवारों और रिश्तेदारों, जेल से रिहा महिला कैदियों और बिना पारिवारिक सहायता, प्राकृतिक आपदाओं से बचे महिलाओं, आतंकवादी / अतिवादी हिंसा आदि महिलाओं की पीड़ित विधवाएं शामिल हैं। कार्यान्वयन एजेंसियां मुख्य रूप से एनजीओ हैं।