100 रुपये का नोट सोशल मीडिया पर हो रहा है काफी वायरल, कारण आपको हैरान कर देगा
कविता और पति हिमांशु ककटवान का मानना है कि ‘जैविक और जोद लिए गए बच्चे में कोई अंतर नहीं होता। बच्चे सिर्फ बच्चे होते हैं जिन्हें प्यार की ज़रूरत होती है, और एक जैविक होने के बजाय, उन लोगों के लिए क्यों नहीं चुना जाता है जिन्हें वास्तव में परिवार की आवश्यकता होती है।’
IRCTC पर अश्लीलता का आरोप लगाने वाले शख्स को मिला करारा जवाब, अब झेल रहा है बदनामी
जब वेदा कविता और हिमांशु ने अपने जीवन का हिस्सा बनाया तब वह महज 14 महीने की थी। यह नसीब की ही बात थी कि वेदा उनकी ज़िंदगी का हिस्सा बनी। अमेरिका ( America ) में रह रहे कविता और हिमांशु इधर किसी डाउन सिंड्रोम बच्चे को गोद लेने की सोच ही रहे थे उधर भारत के एक रेलवे स्टेशन में डाउन सिंड्रोम ( Down Syndrome ) एक छह महीने की बच्ची को कोई छोड़ गया था। भारत आकर कविता और हिमांशु ने वेदा को अडॉप्ट किया। अडॉप्टेशन के 45 दिन बाद वेदा उनकी ज़िंदगी में आ गई और उसे रोशन कर दिया।