scriptराज परिवार में हुआ था स्वामी महावीर का जन्म फिर भी 30 साल की उम्र में सबकुछ छोड़कर निकल पड़े घर से और… | Mahavir Jayanti and his teachings | Patrika News
हॉट ऑन वेब

राज परिवार में हुआ था स्वामी महावीर का जन्म फिर भी 30 साल की उम्र में सबकुछ छोड़कर निकल पड़े घर से और…

विलासिता भरा जीवन छोड़कर ले लिया था संन्यास।
लोगों को दी थी सत्य और अहिंसा की राह पर चलने की सीख।
समाज में व्याप्त कुरीतियों पर किया था प्रहार।

नई दिल्लीApr 16, 2019 / 01:36 pm

Vineet Singh

mahavir swami

राज परिवार में हुआ था जन्म फिर भी 30 साल की उम्र में सबकुछ छोड़कर निकल पड़े घर से और…

नई दिल्ली: 17 अप्रैल को महावीर जयंती ( mahavir jayanti ) मनाई जाएगी। भगवान महावीर स्वामी, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर ( teerthankar ) थे, जिन्होंने दुनिया को सच्चाई और अहिंसा की राह पर चलने का संदेश दिया था जिससे लोगों का जीवन सुधर जाए और वो गलत कामों से खुद को दूर रख सकें। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान महावीर ने लोक कल्याण के लिए अपनी ज़िंदगी में बड़ी कुर्बानियां दी हैं। आज हम इनके बारे में आपको बताने जा रहे हैं।
167 वर्ष पुराना है भारतीय रेल का इतिहास, जानें ब्रिटिश शासकों के क्यों डाली थी रेल की नींव

बता दें कि भगवान महावीर का बचपन का नाम वर्धमान ( Vardhman ) था और उनका जन्म एक राज परिवार में हुआ था। वर्धमान को अपनी ज़िंदगी में कभी किसी चीज़ की कमी नहीं थी और वो बेहद धनवान थे। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने महज 30 साल की उम्र में संन्यास लेकर अपना राज-पाठ छोड़ दिया और सत्य की खोज करने के लिए निकल पड़े।
आपको बता दें कि वर्धमान ने लोगों की भलाई के लिए उन्हें सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया। वर्धमान को जब ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी तब उन्हें महावीर कहा जाने लगा। धीरे-धीरे भगवान महावीर अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत को लोगों तक पहुंचाने लगे। महावीर ने ढोंग, पाखंड, अत्याचार, अनाचारत व हिंसा से हटकर अहिंसक धर्म का प्रचार किया।
क्यों होता है ट्रेन के पीछे एक्स का निशान, ज्यादातर लोगों को नहीं पता इसका जवाब

जिस समय भगवान महावीर इस धरती पर आए, उस समय के समाज में बहुत सारी कुरीतियां फैली हुई थीं। लोगों को सच और झूठ में फर्क नहीं समझ आ रहा था। इस वजह से समाज में बुराइयां बढ़ती जा रही थीं, जिन्हें देखते हुए भगवान महावीर ने लोगों को उन्हें सत्य का वो रास्ता दिखाया, जिस पर चलकर लोग खुद में और समाज में फैली हुई बुराइयों को समाप्त कर सकें। भगवान महावीर चाहते तो ज़िंदगीभर ऐशो-आराम से अपना जीवन बिता सकते थे लेकिन उन्होंने समाज की भलाई के लिए सबकुछ त्यागने का फैसला लिया और बन गए भगवान महावीर स्वामी।

Home / Hot On Web / राज परिवार में हुआ था स्वामी महावीर का जन्म फिर भी 30 साल की उम्र में सबकुछ छोड़कर निकल पड़े घर से और…

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो