scriptतुसाद म्यूजियम की मालकिन कभी सड़क पर बेचती थी मोम के पुतले, जानें उनकी दिलचस्प कहानी | Marie Tussaud had established a wax museum Madame Tussauds in London | Patrika News
हॉट ऑन वेब

तुसाद म्यूजियम की मालकिन कभी सड़क पर बेचती थी मोम के पुतले, जानें उनकी दिलचस्प कहानी

Marie Tussaud : मैडम मेरी लंदन के स्ट्रीट बाजार में अपनी बनाई मोम की कलाकृतियों की लगाती थीं प्रदर्शनी
उन्होंने डॉक्टर फिलिफ से मोम के पुतले बनाने की कला सीखी थी, मैडम मेरी की मां डॉक्टर के यहां नौकरी करती थीं

नई दिल्लीDec 01, 2020 / 12:42 pm

Soma Roy

meri1.jpg

Marie Tussaud

नई दिल्ली। लंदन में स्थित मैडम तुसाद मयूजियम (Madame Tussauds Museum) अपने अनूठी कलाकृतियों के चलते पूरी दुनिया में मशहूर हैं। यहां नामचीन हस्तियों के मोम के बने पुतले सभी को आकर्षित करते हैं। खुद सेलेब्स भी यहां आकर इन पुतलों के साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं। मगर क्या आपको पता है इस मशहूर संग्राहलय की नींव किसने रखी। दरअसल इसकी स्थापना मैडम मेरी (Marie Tussaud) ने की थी। 1 दिसंबर 1761 को उनका जन्म हुआ था। वह लंदन के बेकर स्ट्रीट बाजार मे अपने द्वारा बनाई गई मोम की कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाती थीं। यहां वह कब इतनी मशहूर हो गईं, उन्हें खुद भी इसका पता नहीं चला। आज दुनिया भर में मैडम तुसाद की कई शाखाएं मौजूद हैं।
मां की मदद को बनाती थी मोम के पुतले
मैडम मेरी तुसाद मोम के पुतले शुरुआती दौर में अपनी मां के लिए बनाती थीं। दरअसल उनकी मां डॉक्टर फिलिफ के यहा नौकरी करती थीं। वे मोम के अंगों का इस्तेमाल लोगों के इलाज के लिए करते थे। उन्हीं से मैडम मेरी ने मोम के पुतले बनाने की कला सीखी थी। बाद में मेरी को ये काम काफी अच्छा लगने लगा और उन्होंने इसे अपना पेशा बना लिया।
सड़क पर लगाती थीं प्रदर्शनी
मैडम मेरी मोम के पुतले बनाकर लंदन के बेकर स्ट्रीट बाजार में बेचा करती थीं। यहां वो इनकी प्रदर्शनी लगाती थीं। उनकी कारीगरी लोगों को काफी पसंद आने लगी। धीरे-धीरे उनकी चर्चा पूरे इलाके में होने लगी। आगे चलकर उनकी कलाकृतियों को रखने के लिए एक म्यूजियम बनाने का निर्णय लिया गया। मैडम मेरी ने वर्ष 1777 में पहली बार महान विचारक वाल्टेयर का मोम का पुतला बनाया था।
फ़्रांसिसी क्रान्ति से जुड़े लोगों के पुतलों से सजाया था म्यूजियम
मैडम मेरी ने मशहूर ज्या जेक्स, रूसो और बेंजामिन फ्रेंकलिन के मोम के पुतले भी बनाये। ये सभी उन्होने साल 1789 की फ़्रांसिसी क्रान्ति से पहले बनाए थे। मैडम मेरी को शाही परिवार का खास हमदर्द माना जाता था, इसलिए मैडम मेरी को जेल भी जाना पड़ा था। सन 1794 में जब वो जेल से बाहर आई तो लन्दन में फंसी रह गयी। वही से मैडम मेरी ने फ़्रांसिसी क्रान्ति से जुड़े लोगो की मोम की मूर्तिया बनाई और इन्हें मैडम तुसाद वेक्स म्यूजियम में रखा। आज दुनिया भर में म्यूजियम की करीब २1 शाखाएं हैं।

Home / Hot On Web / तुसाद म्यूजियम की मालकिन कभी सड़क पर बेचती थी मोम के पुतले, जानें उनकी दिलचस्प कहानी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो