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तीन भाईयों में सबसे बड़े गांसु
तीन भाईयों में सबसे बड़े गांसु महतो ने बताया कि उनके पिता के पास 9 एकड़ जमीन थी। जमीन से होने वाली उपज उनके पूरे परिवार को 6 महीने तो भर पेट खाना देती थी। लेकिन 6 महीने बीतते ही उनके परिवार के सामने भरण-पोषण की समस्या आ जाती थी। इस समस्या से निपटने के लिए उन्होंने बारवीं पास होने के बाद अपनी शिक्षा रोकने का निश्चय किया और अतिरिक्त पैसे के लिए मजदूरी करने लगे।
दिहाड़ी मजदूरी कर पाला घर वालों का पेट
बात 1991 कि है जब वह 18 साल के थे तो वह रांची में दिहाड़ी मजदूरी करते थे। वह मजदूरी से दिन भर 50 रूपए कमाते थे। मजदूर के रूप में तीन साल काम करने के बाद वह अपनी बंजर भूमि पर लौट आए।
बंजर जमीन से कमाए थे 1.2 लाख रुपए
गांसु ने अपनी बंजर जमीन ( Wasteland ) पर धान उगाया। इसके बाद उन्होंने शिमला मिर्च लगाईं जिसके एवज में उन्हे 1.2 लाख रूपए मिले। इस सफलता के बाद उन्होंने खेती में कई तरह के प्रयोग किए। वह अपनी फसलों के सुधार के लिए कई किसानों से भी मिले।