अगर आप किसी बड़े शहर में रहते हो अक्सर आपकी तेजी से पटरियों पर दौड़ती जिंदगी होती होगी। लेकिन आजकल शहरों में भी लोगों की सुबह चिड़ियों की चहचहाहट से होती है। कोयल का कूकना भला किसे पसंद नहीं लेकिन वो भी मुश्किल से सुनाई देती है।
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लॉकडाउन ( Lockdown ) में बड़े-बड़े शहरों एक जगह रूके हुए है जिन शहरों को अपने आधुनिक लाइफस्टाइल के लिए जाना जाता था। आज वो भी बिलकुल अकेले गुमशुम से अपने अतीत में झांक रहे है। इन शहरों के तमाम पार्को और चिडिय़ाघरों में नज़ारा एकदम बदल चुका है।
जैव विविधता की दृष्टि से लॉकडाउन सुखद नेचर के लिए सही साबित हो रहा है। हर शहर में यह सुखद स्थिति महसूस की जा रही है। एक ओर जहां वन्यजीवों के व्यवहार में परिवर्तन महसूस किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर लोग इस दौर में चहचहाते पक्षियों की आवाज किसी भी इंसान को आनंदित कर सकती है।
लॉकडाउन की वजह से जहां लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है, वहीं प्रकृति और पर्यावरण को बहुत फायदा पहुंचा। इससे न वायु प्रदूषण फैलने से शहर का वातावरण बिल्कुल साफ हो गया है जिसका असर ये हुआ कि जालंधर से हिमाचल प्रदेश के धौलाधार पहाड़ दिखने लगे हैं।
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प्रदूषण के कारण लोगों को कभी पता नहीं चला कि शहर से हिमाचल के पहाड़ देखे जा सकते हैं। लेकिन ऐसे खूबसूरत नजारें दुनिया के कई इलाकों में देखे जा सकते हैं। शहर की दौड़ती-भागती जिंदगी में अब यहां रह रहे लोगों भी प्रकृति की खूबसूरती को बड़े आराम से निहार रहे हैं।