2006 में शुरू किया था प्रयोग
एक रिपोर्ट के अनुसार, 44 वर्षीय गेविन ने यह प्रयोग 2006 में करना शुरू किया। उन्होंने मध्य इंग्लैंड के पीक जिले में जमीन के दो छोटे भूखंडो पर कुर्सियां उगाने की कोशिश की। इसके बाद साल 2012 में गेविन ने एलिस से शादी की। इसके बाद से दोनों ने मिलकर कंपनी को आगे बढ़ाने का फैसला लिया। खबरों के अनुसार, पहली बार उन्हें सफलता नहीं मिली। उनकी फसल को गायों ने रौंद दिया और खरगोशों ने खा लिया। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
250 कुर्सियां, 100 लैंप और 50 टेबल बनाए
दोनों ने मिलकर एक कंपनी की शुरुआत की और फर्नीचर उगाने के आइडिया को कारोबार में तब्दील किया। वर्तमान में, युगल ने 250 कुर्सियां, 100 लैंप और 50 टेबल बनाए हैं। पूरी तरह से तैयार होने पर कुर्सी की कीमत 8 लाख रुपए है। वहीं लैंप की कीमत 80 हजार और मेज की 11 लाख रुपए तक है। दंपती का कहना है कि अपने प्रयोग को जारी रखने के लिए एक फार्म खरीदना चाहता है और इस कला को दुनिया में फैलाने की योजना बना रहा है।
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डढ़े साल में तैयार होती है कुर्सी
दंपत्ति का कहना है कि इस तरह एक कुर्सी को तैयार होने में लगभग 6-9 महीने का समय लगता है। इतना ही समय इन्हें सूखने में भी लगता है। दोनों अपने प्रयोग को जारी रखने के लिए एक फॉर्म खरीदना चाहता है। इस कला को दुनिया में फैलाने की योजना बना रहा है। यह फर्नीचर तैयार करने का नया तरीका नहीं है। प्राचीन समय में रोमन, चीनी और जापानी लोग भी अलग-अलग आकार वाले पौधों से ही चीजें बनाते थे।