फियोना की ज़िंदगी तब तक बहुत अच्छी चल रही थी जब तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने जुलाई 1999 में फालुन दाफा की लोकप्रियता को अपने सत्तावादी शासन के लिए खतरा माना। एक दुष्ट उत्पीडन की शुरुआत हुई, और झेंग के परिवार सहित कई और परिवार बिखर गए। फियोना अपनी कहानी बताते हुए कहती हैं “2006 में, पुलिसकर्मियों ने हमारे घर में घुसपैठ की, हमारी सभी फालुन दाफा किताबें ले लीं, और मेरी मां और दादी को गिरफ्तार कर लिया। शेन युन की वेबसाइट पर एक साक्षात्कार में झेंग ने याद करते हुए कहा, “मेरी मां और दादी दोनों यातना और उत्पीड़न के कारण चल बसीं- उनकी मृत्यु केवल 15 दिन के अंतर में हुई।” उनके पिता न्याय की ;तलाश में दिन रात भटकते रहे लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा। फियोना ने इसके बाद अमरीका जाने की सोची। इसके बाद अमेरिका जाने के बाद उनके दुःस्वप्न खत्म हो गए थे, लेकिन वह वास्तविकता जिसके कारण वे अपनी मातृभूमि से भागने पर मजबूर हुईं। इतना दुखद इतिहास होने के बाद भी आज जैसी ज़िंदगी वे जी रही हैं और लोगों के जीवन में संगीत के कुछ रंग भर रही हैं वो वाकई कबीले तारीफ है।