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बच्ची के सामने पुलिस ने बेदर्दी से की थी मां की हत्या, सदमे से निकलने के लिए हर रोज़ करती है ये काम

फियोना झेंग नाम की वायलिनिस्ट के जीवन में आज जैसा है वैसा हमेशा से नहीं था उनका अब तक का बीता जीवन सनसनीखेज गहराई में लिपटा हुआ है। संगीत का अध्ययन करते समय, हर शख्स को हमेशा इस सवाल का सामना करना पड़ता है।

नई दिल्लीNov 22, 2018 / 12:55 pm

Priya Singh

violinists mom killed by police now her music heals every pain

बच्ची के सामने पुलिस ने बेदर्दी से की थी मां की हत्या, सदमे से निकलने के लिए हर रोज़ करती है ये काम

नई दिल्ली। संगीत हर तरह के भावों को व्यक्त करने में माहिर होता है। आज हम आपके सामने ऐसी एक कहानी लाए हैं जिसे जान आप प्रेरित हो जाएंगे। फियोना झेंग नाम की वायलिनिस्ट के जीवन में आज जैसा है वैसा हमेशा से नहीं था उनका अब तक का बीता जीवन सनसनीखेज गहराई में लिपटा हुआ है। संगीत का अध्ययन करते समय, हर शख्स को हमेशा इस सवाल का सामना करना पड़ता है। आप अपने दर्शकों को कैसे प्रभावित कर सकते हैं। आप उन्हें और भी गहराई से कैसे छू सकते हैं। फियोना की भी कहानी ऐसी ही है। जब झेंग की दादी जीवित थी, तो वे उच्च रक्तचाप सहित कई बीमारियों से पीड़ित थीं, और उनके कूल्हे छालों से भरे थे। फिर उन्होंने फालुन दाफा नामक अभ्यास को करना शुरू किया और उनके खत्म होते जीवन में फिर से आशा की किरण दिखी और वे एकदम ठीक हो गईं। और इसी तरह उनके पूरे परिवार ने इस अभ्यास को अपनाया और अपने जीवन को सफल बनाया।

motivation

फियोना की ज़िंदगी तब तक बहुत अच्छी चल रही थी जब तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने जुलाई 1999 में फालुन दाफा की लोकप्रियता को अपने सत्तावादी शासन के लिए खतरा माना। एक दुष्ट उत्पीडन की शुरुआत हुई, और झेंग के परिवार सहित कई और परिवार बिखर गए। फियोना अपनी कहानी बताते हुए कहती हैं “2006 में, पुलिसकर्मियों ने हमारे घर में घुसपैठ की, हमारी सभी फालुन दाफा किताबें ले लीं, और मेरी मां और दादी को गिरफ्तार कर लिया। शेन युन की वेबसाइट पर एक साक्षात्कार में झेंग ने याद करते हुए कहा, “मेरी मां और दादी दोनों यातना और उत्पीड़न के कारण चल बसीं- उनकी मृत्यु केवल 15 दिन के अंतर में हुई।” उनके पिता न्याय की ;तलाश में दिन रात भटकते रहे लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा। फियोना ने इसके बाद अमरीका जाने की सोची। इसके बाद अमेरिका जाने के बाद उनके दुःस्वप्न खत्म हो गए थे, लेकिन वह वास्तविकता जिसके कारण वे अपनी मातृभूमि से भागने पर मजबूर हुईं। इतना दुखद इतिहास होने के बाद भी आज जैसी ज़िंदगी वे जी रही हैं और लोगों के जीवन में संगीत के कुछ रंग भर रही हैं वो वाकई कबीले तारीफ है।

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