एक मीडिया एजेंसी द्वारा छापी गई रिपोर्ट में बताया गई कि बच्चे का जन्म 11 जून को हुआ था। बच्चे के पैदा होते ही उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसकी बिगड़ती हालत को देखते ही उसे डॉक्टर ने बच्चे को बाल-विशेषज्ञ अस्पताल रेफर कर दिया। अभिजीत मलिक अपने बच्चे की बिगड़ती हालत देख विचलित हो रहे थे। अभिजीत ने कई अस्पतालों से संपर्क किया लेकिन अस्पतालों ने इलाज करने के लिए हामी नहीं भरी।
अभिजीत के नवजात बच्चे की हालत बहुत खराब हो गई थी समय पर इलाज न होने की वजह से नवजात दुनिया को अलविदा कह चला। अभिजीत का कहना है कि डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से उनका बच्चा दुनिया नहीं देख पाया। अभिजीत का कहना है कि उनके बच्चे की मौत की वजह राज्य के स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर्स की लापरवाही है।