माना जाता है कि किन्नर का जन्म भगवान के श्राप के चलते हुआ था। मगर उन्हें कुछ खास शक्तियां भी दी गई थीं। इसलिए किसी शुभ मौके पर उनका आशीर्वाद लेने से तरक्की होती है। मगर इनके अंतिम समय में कभी भी इनके आस-पास नहीं फटकना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से किन्नर नाराज हो जाते हैं। वे नहीं चाहते हैं कि अगले जन्म में आप भी किन्नर बनें।
प्रेगनेंट भैंस को हलाल करने ले जा रहा था कसाई तभी जानवर ने घुटने टेक लगाई रहम की गुहार आम इंसान जहां अपनों के जाने पर विलाप करते हैं। वहीं किन्नर समुदाय अपने किसी करीबी की मौत पर जश्न मनाते हैं। उनके मुताबिक उनके अजीज को इस जन्म के बंधनों से मुक्ति मिली है। अब उनका उद्धार होगा। इसीलिए वे रात के अंधेरे में नाचते-गाते हुए शमशान जाते हैं। साथ ही वे शव को लात मारते हुए ले जाते हैं। इतना ही नहीं वे शव को जूते-चप्पलों से पीटते भी हैं। किन्नर शव को जलाने के बजाय दफनाते हैं। अंतिम संस्कार के बाद किन्नर समुदाय चंदा करके मृतक के नाम से दान देते हैं।