आपात चिकित्सा चुनौती
किम्स निदेशक डॉ. अंटरतानी ने कहा कि हादसे तथा अन्य आपात मौकों पर इलाज प्राप्त करने के लिए आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इस दौरान इलाज करना ही चिकित्सकों के लिए बड़ी चुनौती है। आपात मौकों पर कैसे उचित चिकित्सा देनी चाहिए इस बारे में युवा चिकित्सकों को नई जानकारियां समझने की जरूरत है। इस लिए जीव रक्षा के बारे में कार्यशाला आयोजित की गई है।किम्स चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि किम्स में ही पढ़ाई कर विदेश में चिकित्सा सेवा सौंपने वाले चिकित्सकों की ओर से यहां जीव रक्षा कौशल कार्यशाला आयोजित करना सराहनीय है।
आस्ट्रेलिया के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. भीमसेनाचार्य प्रसाद ने एयरवे मैनेजमेंट के बारे में बताया कि जीवन-मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे व्यक्ति को अस्पताल लाने पर ऑक्सीजन (प्राणवायु) के बारे में विशेष ध्यान देना चाहिए। नियमित तौर पर ऑक्सीजन आपूर्ति करना चाहिए। इससे मात्र शरीर में स्थित तीन ट्रिलियन जैवकोशों को सक्रिय बनाना संभव होगा। हवा शरीर के बाहर तथा भीतर, खून पूरे शरीर में परिवहन कह रहा है इसकी पुष्टि करनी चाहिए। अधिक ऑक्सीजन जीवन के लिए खतरा ला सकता है।
अमरीका के चिकित्सक डॉ. कृष्णा अपरंजी ने मानीटरिंग ऑक्सीजन बैलेंस एण्ड एसिड बेस स्टेटस के बारे में व्याख्यान दिया। कार्यशाला में किम्स के प्राचार्य डॉ. एमसी चंद्रु, डॉ. राजेश्वरी जैनापुर, डॉ. ईश्वर हसबी, डॉ. एएस अक्कमहादेवी, डॉ. बीएस पाटील उपस्थित थे।