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कोरबा

हिरणों के बचाव के लिए जंगल और सड़क के बीच लगाई थी जाली, फिर भी 3 महीने में 10 की हुई मौत

Chhattisgarh news: मार्च से लेकर अब तक करीब 10 हिरणों की जान अलग-अलग वजहों से जा चुकी है। पानी की तलाश में हिरण सड़क या फिर गांव तक पहुंच रहे हैं।

कोरबाMay 31, 2023 / 01:36 pm

Khyati Parihar

A net was placed between the forest or road, yet 10 died in 3 months

3 महीने में 10 की हुई मौत

Korba News: कोरबा। हिरण जंगल से निकलकर सड़क या फिर गांव की ओर न जा पाएं इसके लिए वन विभाग द्वारा करीब 10 किमी के दायरे में लोहे की जाली लगाई गई थी। अब ज्यादातर जगहों पर जाली गिर चुकी है या अधिकांश जगह गायब भी हो चुकी है। इसकी वजह से हिरण हाईवे तक पहुंच जा रहे हैं, जहां वे हादसे का शिकार हो रहे हैं। कटघोरा-बिलासपुर हाईवे मार्ग पर पाली से लगे दमिया जंगल में करीब दो सौ से ज्यादा हिरण हैं।
मार्च से लेकर अब तक करीब 10 हिरणों की जान अलग-अलग वजहों से जा चुकी है। पानी की तलाश में हिरण सड़क या फिर गांव तक पहुंच रहे हैं। बता दें कि हर साल हिरणों की मौतों को देखते हुए वन विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों के जंगल और सड़क के (cg news) बीच ऊंची लोहे की जाली लगाई गई थी। असमाजिक तत्व लगातार इन जालियों और लोहे के पाइप को काटकर पार कर रहे हैं। इस वजह से सुरक्षा घेरा पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है।
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वन विभाग का दावा-जंगल के भीतर बारिश का भरपूर पानी

हालांकि वन विभाग का दावा है कि इस वर्ष जंगल के भीतर नाले नहीं सूखे हैं। अप्रैल और मई में लगातार हुई बारिश से नरवा में भरपूर पानी है। दरअसल सड़क या फिर ग्रामीण क्षेत्रों में हिरण झुंड में नहीं जा रहे हैं। झुंड से एक-दो हिरण भटकते हुए जंगल से बाहर निकल जाते हैं। गांव तक जाने के बाद कुत्तों के हमले से अथवा हाईवे पर हादसे का शिकार हो जाते हैं।
जंगल में अभी पानी की कमी नहीं है। हिरण जंगल से होते हुए हाईवे तक पहुंच जा रहे हैं, जहां हादसे का शिकार हो रहे हैं। जालियों को जल्द (korba news) ठीक कराया जाएगा। हाईवे पर बोर्ड भी लगाए जाएंगे ताकि रफ्तार कम होने से हादसों में कमी आए।
-प्रेमलता यादव, डीएफओ, कटघोरा वनमंडल

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