इंदौर। एक बार फिर इंदौर ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। वाहन दुर्घटना में इलाज के दौरान देवास के एक युवक की मौत हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने अंगदान करने का फैसला किया। आज सुबह दिल दिल्ली के लिए रवाना हुआ तो पहली बार इंदौर में लिवर और किडनी का ट्रांसप्लांट हुआ। 16 जनवरी को उज्जैन से 35 किमी दूर देवास जिले के मुनांडा निवासी चंद्रपालसिंह राजावत वाहन दुर्घटना में घायल हो गए थे।
पहले उन्हें उज्जैन में भर्ती कराया गया बाद में सीएचएल अस्पताल में, जहां कल शाम को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। जानकारी मिलने पर इंदौर सोसाइटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के डॉ. संजय दीक्षित की अगुवाई में मुस्कान ग्रुप के संदीपन आर्य, जीतू बागानी और नरेश फुंदवानी ने परिजनों से अंगदान के लिए संपर्क किया। सहमति मिलने और तकनीकी कारण से रात 2.50 बजे शव को चोइथराम अस्पताल ले जाया गया।
यहां तय हुआ कि किडनी और लिवर वहीं पर ट्रांसप्लांट होगा तो दिल दिल्ली में एम्स को दिया जाएगा। उसे लेने के लिए डॉ मिलिंत होते पहुंच गए। आज सुबह 9 बजे कमिश्रर संजय दुबे चोइथराम अस्पताल पहुंचे और स्थिति की जानकारी ली। सुबह 10.10 बजे इंदौर में 15 वां ग्रीन कॉरिडोर तैयार हुआ।
फ्लाइट से ले गए एम्स
काफिला दिल को लेकर एयरपोर्ट पहुंचा। 11 बजे फ्लाइट के जरिए दिल को एम्स ले जाया गया। इधर, पहली बार इंदौर में लिवर का ट्रांसप्लांट किया गया। वहीं, किडनी भी इंदौर के ही मरीज को दी गई। बताते हैं कि सारे अंगों का ट्रांसप्लांट चोइथराम अस्पताल में ही किया गया क्योंकि शहर के कई न्यूरो सर्जन कॉन्फ्रेंस के सिलसिले में बाहर गए हुए हैं।
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