दरअसल शहर के अन्नपूर्णा इलाके में रणजीत हनुमान मंदिर रोड पर सेहत हास्पिटल पर महूनाका निवासी अमित मोरले को शनिवार को भर्ती कराया गया था। वह कोरोना संक्रमित हुए थे। रविवार रात अस्पताल में मौत हो गई तो परिजनों ने हंगामा करना शुरुु कर दिया। विवाद इतना बढ़ गया कि परिजनों ने असपताल में तोड़-फोड़ करना शुरू कर दिया।
मामला बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन ने अन्नपूर्णा पुलिस को जानकारी दी। घटना की सूचना पर मौके पर पुलिस के आने के पहले परिजन ने अस्पताल के बाहर का कांच फोड़ दिया। पुलिस ने मौक़े पर पहुंचकर परिजन को समझाईश दी। सीएसपी बीपीएस परिहार के मुताबिक़ अस्पताल प्रबंधन की शिकायत पर केस दर्ज किया जाएगा।
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इंदौर में कोरोना ढलान पर
लोगों के मन में एक ही सवाल है कि कोरोना की दूसरी लहर किस चाल से चल रही है? इसका जवाब है कि कोरोना अब ढलान की ओर है। 25 अप्रेल को इंदौर शहर में सबसे अधिक 1841 मरीज मिले थे। इसके बाद से मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। बीते चार दिनों से मरीज लगातार कम हो रहे हैं। सात मई को संक्रमण की दर 16.4 प्रतिशत पर आ गई है।
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9 मई तक निजी-सरकारी अस्पतालों में 772 तो कोविड केयर सेंटर के 752 बेड खाली हैं। हालांकि गंभीर मरीजों के लिए स्थिति अभी भी संकटपूर्ण बनी है। प्रमुख अस्पतालों में आइसीयू बेड खाली नहीं हैं। सुपर स्पेशलिटी सेंटर के प्रभारी डॉ. एडी भटनागर का कहना है कि हॉस्पिटल में बेड फुल हैं, पर वेटिंग कम होने लगी है। चार दिन पहले तक 25-30 मरीजों की वेटिंग होती थी, जो अब 10-12 पर आ गई है। मरीजों को स्वस्थ होने में 10 की बजाय सात दिन लग रहे हैं।
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