पं. गुलशन अग्रवाल ने बताया, अक्षय तृतीया का दिन भगवान विष्णु द्वारा शासित होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रेता युग का आरंभ अक्षय तृतीया के दिन हुआ था। वैदिक ज्योतिष भी अक्षय तृतीया को सभी अशुभ प्रभावों से मुक्त एक शुभ दिन मानते हैं। तीन चंद्र दिवस, युगादि, अक्षय तृतीया तथा विजयदशमी को किसी भी शुभ कार्य को आरंभ अथवा संपन्न करने के लिए किसी प्रकार के मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि ये अशुभ प्रभावों से मुक्त होते हैं।
ये भी जानिए
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त – सुबह 05.49 से दोपहर 12.23 तक
तृतीया के साथ व्याप्त शुभ चौघडिय़ा मुहूर्त
प्रात: मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – सुबह 05.49 से सुबह 10.45 तक
अपराह्न मुहूर्त (चर) – सुबह 05.19 से शाम 06.58 तक
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – दोपहर 12.23 से दोपहर 02.02 तक
रात्रि मुहूर्त (लाभ) – 09.40 से रात 11.02 तक
आज बन रहा सुकर्मा योग
अक्षय तृतीया पर गुरु अस्त होने से इस साल शादियां कम होगी, फिर भी इस दिन कई लोग विवाह करेंगे। पं. अमर डब्बावाला ने बताया, अक्षय तृतीया पर सुकर्मा योग बन रहा है। यह योग 10 मई दोपहर 12.08 बजे से शुरू होकर 11 मई को सुबह 10.03 मिनट तक रहेगा। खरीदारी के लिए सुकर्मा योग श्रेष्ठ माना जाता है।
कर लें ये काम
अक्षय तृतीया के दिन सोना-चांदी घर लाना बेहद शुभ माना जाता है. अक्षय तृतीया की शाम पूजन के दौरान चांदी के सिक्के को एक लाल कपड़े में बांध कर तिजोरी या जहां पैसे रखते हैं, उस स्थान पर रख दें. ऐसा करने से आप को कभी धन की कमी नहीं होगी. पैसों से तिजोरी हमेशा भरी रहेगी।