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इंदौर

पुलिस-प्रशासन-परिवहन विभाग की सुस्ती, ऑपरेटरों की मनमानी

बस हादसों पर पत्रिका ने की सुरक्षा की पड़ताल : आग लगे या एक्सीडेंट में फंसे तो यात्रियों का बचना मुश्किल

इंदौरDec 29, 2023 / 06:49 pm

रमेश वैद्य

पुलिस-प्रशासन-परिवहन विभाग की सुस्ती, ऑपरेटरों की मनमानी
इंदौर. शहर के बस ऑपरेटर केवल पैसा कमाने के लिए यात्रियों को ढो रहे हैं। उनकी सुरक्षा से किसी को कोई वास्ता नहीं है। गुना बस हादसे में यात्रियों की मौत से पूरा प्रदेश हतप्रभ है। इंदौर की बसें भी कई बार हादसों का शिकार हो चुकी हैं, लेकिन स्थिति नहीं सुधर रही है। आग लगने की स्थिति में बचाव के लिए एक ही गेट होता है, दूसरा गेट केवल दिखावे के लिए लगा रखा है। गेट के पीछे सीटें होती हैं, जबकि नियमानुसार बस में दोनों गेट होना जरूरी हैं। इतना हीं नहीं, इंदौर में बस स्टैंड से बिना फिटनेस की कई बसें संचालित हो रही हैं। पत्रिका टीम ने बस स्टैंड पर बसों में सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया तो अधिकांश बसें सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर यात्रियों को ले जाती मिलीं। हाल यह है कि ऑपरेटरों की मनमानी जारी है तो पुलिस-प्रशासन-परिवहन विभाग सुस्त है। बस में सफर करने वाले यात्री सुरक्षा मामलों में बेबस हैं।
बस नंबर और उनकी स्थिति
एमपी 13 पी 1713
फिटनेस खत्म, हालत जर्जर
सरवटे पर पीली रंग की खड़ी यह बस पीछे से जर्जर है। बस का फिटनेस फरवरी में
समाप्त हो चुका है।


एमपी 09 एफए 8910
दिखावे का गेट
सरवटे बस स्टैंड पर इस बस का दूसरा गेट दिखाने का था। दुर्घटना पर निकासी का विकल्प नहीं है।
एमपी 09 एफए 9772
दूसरे गेट पर लगा दी सीटें
सरवटे बस स्टैंड पर खड़ी बस में दूसरा गेट तो था, लेकिन यहां सीटें लगी थीं। ज्यादा यात्रियों को बैठाने के चक्कर में ऐसा किया गया है।
जीजे 18 एवी 2259
दूसरा गेट ही गायब
गुजरात में रजिस्टर्ड इस बस में दूसरा गेट नहीं था। संभवत: अधिक यात्री बैठाने के लिए यह मनमानी की गई होगी।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए ये उपाय जरूरी
बसों में दोनों ओर गेट और इमरजेंसी विंडो हो।
हर यात्री वाहन में अग्निशमन उपकरण होना चाहिए।
शॉर्ट सर्किट न हो, इसे वाहन मालिक-ड्राइवर को सुनिश्चित करना होगा।
वाहनों में तय स्पीड, स्पीड गवर्नर का पालन हो।
सडक़ों के ब्लैक स्पॉट समाप्त किए जाएं।
लापरवाही करने वाले बस मालिक, ड्राइवर और सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी
तय की जाए।
ये हो चुके हादसे
21 नवंबर को सूरत से आ रही बस में आग लगी, गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ।
8 सितंबर को लसूडिय़ा थाना क्षेत्र में बच्चों से भरी स्कूल बस में शॉर्ट सर्किट हुआ। समय रहते स्टाफ ने बच्चों को उतार लिया।
30 जून को स्कूल बस की बैटरी में शॉर्ट सर्किट हुआ।
9 जून को शिप्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत बायपास पर यात्री बस में भीषण आग लगी। 9 यात्री सुरक्षित निकले।
एक्सपर्ट कमेंट : एमएन सुगंधी, रिटायर्ड आरटीओ
यात्री और स्कूली वाहनों के फिटनेस जारी करते समय आवश्यक संसाधनों के अलावा तकनीकी जांच भी करनी चाहिए। इसके बाद पुलिस-आरटीओ लगातार चेङ्क्षकग करें। सरकारी एजेंसियों के अलावा वाहन मालिक, ड्राइवर-कंडक्टर की पहली जिम्मेदारी है कि वाहन को नियमानुसार संचालन के साथ ही दुरुस्त रखें।
आरटीओ ने की 25 वाहनों पर कार्रवाई
इंदौर. गुना बस हादसे के बाद गुरुवार को परिवहन विभाग ने भी चेङ्क्षकग अभियान चलाया। अलग-अलग सडक़ों पर बसों और अन्य लोक परिवहनों की जांच की गई। आरटीओ प्रदीप शर्मा ने बताया कि करीब 100 वाहनों के फिटनेस, परमिट, बीमा, ओवरलोडिंग, अधिक किराया आदि की जांच की गई। इसी दौरान 25 वाहनों पर कार्रवाई करते हुए 38 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया।

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