भ्रष्टाचार पर कैसे लगाएंगे लगाम!
खनिज अधिकारी रहते हुए प्रदीप खन्ना ने जमकर मलाई बटोरी, लोकायुक्त छापे में मिली संपत्तियों से तो यही लगता है। 32 साल की नौकरी में 5 बार निलंबित हुए। फिर जांच चलती रही। अक्टूबर 2019 में निलंबित होने पर तत्कालीन वरिष्ठ अफसर ने खन्ना को अनिवार्य सेवानिवृत्त देने की बात शासन के सामने रखी थी लेकिन कार्रवाई तो दूर बहाल कर दिया। सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार चरम पर नजर आता है, ऐसे में बर्खास्तगी जैसा कदम उठाकर अन्य अफसरों के सामने नजीर पेश करने की उपयुक्त स्थिति थी पर कार्रवाई हुई भी तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति…! लगता है कोई मजबूरी सामने आ गई। जिसे बर्खास्त करना था उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा रही है, यानी रिटायरमेंट के बाद भी मिलाई मिलती रहेगी… यह सजा नहीं माफी लग रही है।