आपको बता दें कि पिछले दो महीनों से यहां एक भी कोरोना वायरस का मामला सामने नहीं आया है। डॉक्टरों पर हुए हमले के बाद यहां के बुजुर्गों ने इलाके के लोगों को समझाने का जिम्मा संभाला। बुजुर्गों ने यहां के हर घर पर जाकर लोगों से कहा कि उन्हें अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य टीम के साथ सहयोग करने की जरूरत है।
इसके बाद से ही जब भी स्क्रीनिंग टीम यहां पहुंचती थी, तो उसे इलाके के प्रभावशाली लोगों द्वारा घरों तक पहुंचाया जाता था। अब यहां पर नजारा यह है कि जब भी स्क्रीनिंग टीम पहुंचती है तो उनका स्वागत फूल बरसाकर और ढोल बजाते हुए किया जाता है।
यहां के लोगों ने हालात को फिर से सामान्य करने का जिम्मा उठाया। यहां के निवासियों ने इलाके में जागरूकता फैलाना शुरू किया। बीते तीन महीने पहले जिन स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमला किया गया था, उन्होंने अपने काम को पूरा करने के लिए उसी स्थान पर लौटकर लोगों को मिसाल पेश की है। इतना ही नहीं जब डॉक्टरों की टीम यहां पहुंची तो वह यह देखकर हैरान हो गई कि जिन लोगों ने पहले उन पर हमला किया था। वही लोग अब उनपर फूल बरसा रहे हैं और माफी मांग रहे हैं।