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7 मरीजों पर किया जा रहा रेमडेसिवीर का इस्तेमाल
इंदौर के श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) के छाती रोग विशेषज्ञ और विभाग के प्रमुख डॉ. रवि डोसी के मुताबिक, पहले चरण में कोविड-19 के मध्यम लक्षण वाले ऐसे सात मरीजों पर रेमडेसिवीर का इस्तेमाल शुरू किया गया, जो आईसीयू (ICU) में भर्ती हैं, उन्हें सांस लेने में बड़ी दिक्कत के कारण कृत्रिम ऑक्सीजन पर निर्भर हैं। सातों मरीजों को प्रोटोकॉल के तहत अन्य दवाएं भी दी जा रही हैं।
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कुछ मरीज अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त
डॉ. डोसी के मुताबिक, ये मरीज 28 से 68 वर्ष की उम्र के हैं। इनमें से पांच मरीज पहले से अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त हैं। इसमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप और गठिया के मरीज शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन मरीजों को इंजेक्शन के माध्यम से रेमडेसिवीर इसलिये दी जा रही है ताकि हम उनकी हालत बिगड़ने से रोक सकें और उन्हें जीवन रक्षक यंत्र (वेंटिलेटर) पर रखने की नौबत न आने पाय।
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नतीजे सकारात्मक
डॉ. डोसी के मुताबिक, सातों मरीजों को पिछले तीन दिन से रोज़ाना रेमडेसिवीर का एक-एक इंजेक्शन दिया जा रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक, ये डोज कोरोना संक्रमित मरीज को इंजेक्शन फॉर्म में पांच दिनों तक लगाए जाने हैं। उन्होंने बताया कि शुरुआती रूप से इन मरीजों पर रेमडेसिवीर का परिणाम उत्साहजनक रहा है। हालांकि, पांच दिन का डोज पूरा होने के बाद ही इस विषय में पुख्ता तौर पर कुछ कहा जा सकेगा।
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शहर में आज ये हैं हालात
29 जून को जारी मेडिकल बुलेटुन के मुताबिक, इंदौर में अब तक कोविड-19 के कुल 4,664 मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें से 226 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि 3,435 लोग उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं।