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इंदौर

लोकसभाः देश में भी हो एक सिंधी प्रदेश, पहली बार सिंधी भाषा में रखीं गईं 7 मांगें

इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने उठाई सिंधी समाज की 7 मांगें…।

इंदौरSep 17, 2020 / 06:29 pm

Manish Gite

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इंदौर। लोकसभा में यह पहला मौका था जब किसी सांसद ने सिंधी भाषा में सिंधी समाज की मांगें प्रमुखता से उठाई। इंदौर के सांसद शंकर लालवानी भी सिंधी समाज के हैं। उन्होंने गुरुवार को संसद में सिंधी समाज के कल्याण के लिए सात मांगें रखीं। गौरतलब है कि स्वच्छता में नंबर वन आने वाले इंदौर शहर के सांसद भी कोरोनाकाल में सबसे सक्रिय रहने वाले नंबर -वन सांसद बने हैं।

 

लालवानी ने कहा कि सिंधी कला और सिंधी संस्कृति दुनिया में सबसे पुरानी है। पाकिस्तान के सिंध से आए लोगों की हालत आज ठीक नहीं हैं। सिंधी समाज के लिए देश में भी सिंधी प्रदेश बनाया जाना चाहिए। उनके विकास के लिए सिंधी कल्याण बोर्ड और राष्ट्रीय स्तर की सिंधी अकादमी की स्थापना की जाना चाहिए। साथ ही सिंधी विश्वविद्यालय खोला जाना चाहिए।गौरतलब है कि इससे पहले 20 मार्च को भी लोकसभा के सत्र में यह मांग भाजपा सदस्य बिशेश्वर तुडु ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाई थीं।

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क्या बोले सांसद

सिंधी भाषा में अपनी बात रखने से पहले सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि संभवत यह लोकसभा के इतिहास में पहली बार होगा जब कोई सांसद अपनी बात सिंधी भाषा में रख रहा है। लालवानी ने कहा कि हिन्दुस्तान के एक करोड़ से अधिक सिंधी समाजजनों की बात रखना चाहता हूं और आग्रह करता हूं कि इस पर विचार करें।

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यह हैं वो सात मांग

(01)

सिंधी कल्याण बोर्ड बने

सांसद लालवानी ने कहा कि सिंध (पाकिस्तान) से कई लोग भारत आए हैं और उनमें कई लोगों के हालात ठीक नहीं हैं। मैं चाहता हूं उनके विकास के लिए सिंधी कल्याण बोर्ड का गठन हो।

 

(02)

राष्ट्रीय सिंधी अकादमी बनें

सिंधी कला व संस्कृति जो दुनिया में सबसे पुरानी संस्कृति है। इस समाज का ताल्लुक मोहनजोदड़ो और सिंधु घाटी की सभ्यता से है। मेरा निवेदन है इसके लिए राष्ट्रीय सिंधी अकादमी बनाना चाहिए।

 

(03)

सिंधी भाषा में भी टीवी चैनल शुरू हों

सभी भाषाओं के टीवी चैनल आज चल रहे हैं, परन्तु एक सिंधी भाषा में अभी तक कोई टीवी चैनल चालू नहीं हुआ है। समाज की यह मांग है कि सिंधी भाषा में भी टीवी चैनल चालू करना चाहिए।

(04)

सांस्कृतिक झाकियों में भी मिले मौका

26 जनवरी के दिन राजपथ दिल्ली में जो परेड होती है उसमें सभी प्रदेशों की झांकियां निकलती हैं, क्योंकि सिंधियों का कोई प्रदेश नहीं है पर उनकी भी सांस्कृतिक झांकी निकालने के लिए निवेदन है।

 

(05)

देश में एक सिंदी प्रदेश भी हो

मेरा समाज यह चाहता है, वह जब मैं देश के विभिन्न हिस्सों में जाता हूं तो मेरे पास यह मांग आती है कि हिन्दुस्तान में एक सिंधी प्रदेश बनना चाहिए।

(06)

सिंधी यूनिवर्सिटी बनें

एक सिंधी यूनिवर्सिटी की स्थापना भी होना चाहिए जिससे समाज के बच्चे सिंधी भाषा पड़ व लिख सकें।

(07)

चेटीचंड पर हो राष्ट्रीय अवकाश

सिंधी समाज की एक मांग यह भी है कि चेटीचंड जो भगवान झूलेलाल के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। उस दिन राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा होना चाहिए। अतः में आप सभी को 10 अप्रैल सिंधी भाषा दिवस की शुभकामनाएं व भगवान झूलेलाल के जन्म दिवस चेटीचंड की भी हार्दिक शुभकामनाएं।

 

 

सिंधी भाषा में ली थी शपथ

शंकर लालवानी उस समय सुर्खियों में आए थे जब वे इंदौर से लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद पहली बार संसद गए थे और उन्होंने सिंधी भाषा में सफत ली थी। इस पर कांग्रेस ने सवाल उठाए थे कि सुमित्रा महाजन मराठी भाषी होने के बावजूद सांसद सुमित्रा महाजन भी हिन्दी में शपथ लेती हैं, उनसे सपक लेते हुए लालवानी को भी हिन्दी में शपथ लेनी चाहिए थे। इस पर लालवानी ने कहा था कि सिंधी उनकी मातृभाषा है। लोकसभा में अलग-अलग भाषाओं में सफत लेना दिखाता है कि देश में अनेकता में एकता की भावना समृद्ध है। लालवानी ने कहा था कि मैंने संसद में केवल 40 सेकंट की शपथ सिंधी में ली है, जबकि मुझे अगले पांच साल हिन्दी ही बोलना है और हिन्दी में ही बात करना है। दूसरी ओर सिंधी समाज में इसके बाद खुशी की लहर देखी गई थी।

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