उल्लेखनीय है कि कुछ माह पहले बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल, बॉम्बे पब्लिक स्कूल, माइंड्स आई वल्र्ड स्कूल, श्रीजी इंटरनेशनल स्कूल सहित ९ स्कूलों को फर्जी तरीके से मान्यता दी गई थी। जांच के बाद जिला राजेंद्र नगर पुलिस ने जिला प्रोग्रामर और डीपीसी अक्षय ङ्क्षसह राठौर के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी।
शिकायत के बाद राजेंद्र नगर पुलिस ने जिला प्रोग्रामर धीरेंद्र परिहार और डीपीसी अक्षय ङ्क्षसह राठौर के खिलाफ आई एक्ट और धारा ४२० का प्रकरण दर्ज किया। प्रकरण दर्ज होने के बाद आरोपित डीपीसी राठौर ने अग्रिम जमानत ले ली। राजेंद्र नगर थाना प्रभारी सुनील शर्मा ने बताया कि इस मामले में एक रिपोर्ट का इंतजार कर रहे थे जो राज्य शिक्षा केंद्र से आना है। इसके साथ ही कुछ दस्तावेज आना बाकी हैं। इसके बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
यह मिला सम्मान राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा हर जिले में वॉल ऑफ फेम तैयार की गई थी, जिसमें अपने जिले के स्कूलों में बेहतर काम करना था। आरोपित डीपीसी राठौर को 15 स्कूलों में बेहतर काम करने के लिए गोल्ड अवॉर्ड मिला है। यह अवॉर्ड राशिके के संचालक आयरिन सिंथिया ने दिया।
ऐसे हुई थी मान्यता इन 9 स्कूलों की मान्यता डीपीसी राठौर के डोंगल के माध्यम से डिजिटल साइन से की गई है। इस डोंगल की पूरी जिम्मेदारी संबंधित अफसर की ही होती है, लेकिन राठौर ने पूरी जिम्मेदारी जिला प्रोग्रामर पर ही थोप दी और विभाग ने जिला प्रोग्रामर को सेवा मुक्त कर दिया।