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महिला के दायीं ओर था दिल, प्रसव में डॉक्टरों के हाथ-पैर फूले, पति हिम्मत कर बोला- आप ही करो ऑपरेशन उनका कहना था कि मुझे गांधी भवन में बैठने देते नहीं तो फिर दिखावे का सम्मान क्यों? कांग्रेस नेताओं के व्यवहार से नाराज सेनानी ने सम्मान में न तो हार पहना और न ही शॉल को स्वीकार किया। साथ ही कार्यक्रम में मौजूद नेताओं पर नाराजगी जाहिर कर खूब खरी-खोटी सुनाई।
पूरी तरह से फेल हो गया कार्यक्रम 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की गई थी। इस दिन हर वर्ष कांग्रेस स्वंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान करती है। इस वर्ष भी पार्टी कार्यालय गांधी भवन में सम्मान कार्यक्रम रखा गया, जिसकी तैयारी सही ढंग से न होने पर ये पूरी तरह से फेल रहा।
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बुजुर्ग मां ने पैसे नहीं दिए तो बेटे के सिर पर चढ़ा ‘शैतान’, जुल्म की दास्तां सुन पुलिस भी हुई भावुक कारण कांग्रेस पदाधिकारियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं तक सूचना नहीं पहुंचना बताया जा रहा है, इसलिए नेताओं के साथ-साथ कार्यकर्ताओं की संख्या बहुत कम रही। इधर, सम्मानित करने के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी टीएच नांदेचा, दत्तात्रय कापसे और माणकचंद मारू को आमंत्रित किया गया।
न हार पहना ओर न शॉल स्वीकार की कांग्रेसियों के अनुसार नांदेचा और कापसे का सम्मान करने के बाद जैसे ही मारू के पास पहुंचे तो उन्होंने सम्मान कराने से इनकार करते हुए न तो हार पहना और न ही शॉल को स्वीकार किया। इस पर शहर कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल सहित अन्य नेता अचंभित रह गए और उन्हें मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने।
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ग्राहक भेज स्पा सेंटर में छुपवाती आपत्तिजनक वस्तुएं, फिर क्राइम ब्रांच अफसर बनकर देती दबिश, रंगेहाथ गिरफ्तार कांग्रेस पदाधिकारियों पर नाराज होकर बोले कि मैं गांधी भवन में बैठकर वर्षों से सदस्यता अभियान की डायरियां दिलाते आ रहा हूं। मैं रोज दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक नियमित बैठता हूं। 87 वर्ष की उम्र में कांग्रेस की सेवा कर रहा हूं, मगर वर्तमान में मुझे यहां बैठने पर बड़ी परेशानी हो रही है।
मुझसे मांग लिया आधा बिजली बिल उन्होंने कहा कि मैं जिस कमरे में बैठता हूं, वहां कभी लाइट बंद कर देते हैं तो कभी पंखा। मेरी पीठ पीछे गाली-गलौज अलग करते हैं। इससे बड़ा अपमान क्या होगा कि इस महीने जो बिजली का बिल आया, वह भी आधा मांग लिया गया है, जबकि आज तक मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ। इन सब हरकतों के चलते मैं अपना सम्मान क्यों कराऊं… इतना कहते हुए उन्होंने न तो हार पहना और न ही शॉल स्वीकार की।
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मिलावटखोरों पर सरकार का शिकंजा, प्रशासन ने दो आरोपियों पर लगाई रासुका, गिरफ्तार पूरे कार्यक्रम में बगैर सम्मान के बैठे रहे। स्वतंत्रता सेनानी मारू की नाराजगी और खरी-खरी सुनाने पर कार्यक्रम में जहां सन्नाटा छा गया, वहीं न तो कार्यकारी अध्यक्ष बाकलीवाल कुछ नहीं बोले और न ही कोई अन्य नेता। सारे नेता चुप बैठे रहे। कार्यक्रम में राजेश चौकसे, भंवर शर्मा और धर्मेंद्र गेंदर आदि मौजूद थे।