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अपने बास्केटबॉल कॅरियर में 9000 से अधिक शॉट्स मिस किए, लगभग 300 मैच हारे, 26 बार मैच जीतने वाले शॉट के लिए उन पर भरोसा किया था, लेकिन हर बार चूक गए। जीवन में बार-बार असफल हुए, लेकिन फिर भी मैदान में खेलने जाते रहे और सफल हुए। यह बात मोटिवेशनल स्पीकर गुरमीत नारंग ने गोविंदराम सेक्सिरया इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में बुधवार को कही। वे स्टूडेंट्स को ‘वॉक विद मी ऑन द पाथ ऑफ रियल सक्सेस’ विषय पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, मैं विफलता को स्वीकार कर सकता हूं, लेकिन मैं ये स्वीकार नहीं कर सकता कि मैंने कोशिश करना छोड़ दिया। जीवन में मिलने वाली असफलता ही सफलता के लिए राह खोलती है। यदि आप उन खराब परिणामों के बारे में सोचते हैं तो आप हमेशा नकारात्मकता के बारे में सोचते हैं।
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रियल सक्सेस के पांच सूत्र
– अपनी तुलना दूसरों की बजाय स्वयं से करें। स्वयं और दूसरों के प्रति स्वीकार्यता, प्रेम, क्षमा और करुणा वाला भाव रखें। संसार की अवाज के बजाय अपने अंदर की आवाज़ को सुनें।
– अगर कुछ बनना है तो दूसरों को देखकर नहीं, बल्कि अपनी क्षमताओं का प्रयोग कर आगे बढ़ें। आत्मशक्ति ही आत्मतरक्की की ओर ले जाती है। जीवन में बड़ी सफलता इसी से प्राप्त होती है।
– त्यागी वह होता है, जो अपने स्वतंत्र मन से त्याग कर दे। साधन, सुविधा संपन्न व्यक्ति भी खुश नहीं रह सकता। उसे पैसे की सुरक्षा की चिंता सताती है। वह हमेशा भयभीत रहता है। निडर सिर्फ वही हो सकता है, जिसने स्वेच्छा से त्याग किया है।
– अपने जीवन की तकलीफ या अपने घाव में प्रकाश को देखने वाले या ढूंढ लेने वाले ही जीवन में सच्ची सफलता पाते हैं।