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इंदौर

आरआर कैट से कुछ दूरी पर मिला जिंदा हैंड ग्रेनेड, फैली सनसनी

देर रात में फायरिंग रेंज में ले जाकर उसे निष्क्रिय किया

इंदौरFeb 04, 2024 / 11:57 am

प्रमोद मिश्रा

आरआर कैट से कुछ दूरी पर मिला जिंदा हैंड ग्रेनेड, फैली सनसनी

आरआर कैट से कुछ दूरी पर मिला जिंदा हैंड ग्रेनेड, फैली सनसनी

द्वारकापुरा के कैट रोड स्थित चित्रकूट चौराहे के पास मैदान में जिंदा हैंड ग्रेनेड मिलने से सनसनी फैल गई। शनिवार रात करीब 8 बजे लोगों ने हैंड ग्रेनेड की सूचना पुलिस को दी। टीआइ मौके पर पहुंचे और हैंड ग्रेनेड को उठाकर देखने लगे। बाद में पहुंचे बम स्क्वाॅड ने हैंड ग्रेनेड को जिंदा बताकर लोगों को दूर किया और उसे अपने कब्जे में लिया। देर रात में फायरिंग रेंज में ले जाकर उसे निष्क्रिय किया।
डीसीपी राजेश कुमार सिंह के मुताबिक, हैंड ग्रेनेड की सूचना मिलने पर द्वारकापुरा पुलिस मौके पर पहुंची और बम स्क्वॉड को बुलाया गया। एडिशनल डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि कैट रोड पर चित्रकूट चौराहे के पास हैंड ग्रेनेड मिला है। एक मैदान के सुनसान हिस्से में आसपास के लोगों ने इसे देखा। मोहन बामनिया ने सूचना दी। जहां हैंड ग्रेनेड था, उससे करीब एक किलोमीटर की दूरी पर संवेदनशील आरआर कैट है। टीआइ अनिल गुप्ता ने बताया कि खेलने आए बच्चों ने इसे पहले देखा था। हैंड ग्रेनेड में पिन नहीं लगी थी और कवर टूटा है, जिससे उसके जिंदा होने का अंदेशा कम था। गुप्ता ने हैंड ग्रेनेड को हाथ में उठा लिया और रोशनी कर उसे देखने लगे। इस दौरान आसपास कई लोग थे। कुछ देर बाद बम स्क्वॉड की टीम प्रभारी खालिद के साथ पहुंची। ग्रेनेड जिंदा दिख रहा था, इसलिए आसपास के लोगों को तुरंत हटाया। टीआइ भी ग्रेनेड के जिंदा होने की जानकारी के बाद सकते में आ गए। बम स्क्वाॅड की टीम ने सावधानी के साथ बम को ट्राली में रखा। बम स्क्वाॅड प्रभारी के मुताबिक, ग्रेनेड करीब आधा किलो वजनी है और फटने पर जनहानि हो सकती है। देर रात इसे फायरिंग रेंज में ले जाकर निष्क्रिय किया जाएगा। विश्वकर्मा के मुताबिक, आसपास के लोगों से पूछताछ की, लेकिन ग्रेनेड के बारे में जानकारी नहीं मिली। पूरे इलाके को सर्च किया, लेकिन कुछ नहीं मिला। जांच की जा रही है।

तीन घंटे तक मैदान में रहा ग्रेनेड

रात करीब 8 बजे लोगों ने पुलिस को सूचना दी। टीआइ व पुलिस बल पहुंच गया। बम स्क्वॉड को आने में थोड़ा समय लगा और इस दौरान आसपास लोग जमा रहे। बम स्क्वाॅड के हैंड ग्रेनेड लेकर रवाना होने तक करीब तीन घंटे तक वह मैदान में पड़ा रहा।

सेना के हैंड ग्रेनेड से छोटा

बम स्क्वाॅड की टीम कई बार बम मिलने पर महू भी जा चुकी है। टीम के सदस्यों का कहना था कि जो हैंड ग्रेनेड मिला है, वह आमतौर पर सेना में इस्तेमाल होने वाले हैंड ग्रेनेड से छोटा है। ऐसे हैंड ग्रेनेड आम तौर पर सेना, पैरामिलिट्री फोर्स या पुलिस ट्रेनिंग संस्थानों के पास होते हैं। हालांकि महू से इंदौर के रास्ते में यह हिस्सा आता है, जिससे आशंका है कि वहां से कोई लेकर आया और यहां फेंक दिया या गिर गया। एडिशनल डीसीपी के मुताबिक, पिन नहीं लगी, लेकिन हैंड ग्रेनेड जिंदा है। फटने पर जनहानि हो सकती थी, इसलिए बम स्क्वाॅड की टीम इसे ले गई। हालांकि जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

महू में हुए हादसे, जा चुकी है कई की जान
महू में सेना की फायरिंग रेंज के आसपास हैंड ग्रेनेड व बम फटने के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है। सेना के जवान फायरिंग रेंज में अभ्यास करते हैं। यहां लोगों के जाने पर प्रतिबंध है, लेकिन फिर भी लोग चोरी-छिपे वहां पहुंचकर बम को कबाड़ समझकर उठा लाते हैं। तोडने के दौरान कई बार विस्फोट हुए। किसी कबाड़ वाले के जरिए हैंड ग्रेनेड द्वारकापुरी तक पहुंचने की भी आशंका है।

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