इंदौर

प्रेस कॉम्प्लेक्स पर सरकार के फैसले से आइडीए को 196 करोड़ का लगा फटका

सरकार का आदेश- 2007-08 से प्रीमियम और 3 प्रतिशत साधारण ब्याज से होगी गणना
– वर्ष-2007 की गाइडलाइन से गणना से मिलेंगे 37 करोड़ प्रीमियम व 15 करोड़ ब्याज – वर्ष-2021 की गाइड लाइन से गणना से मिल सकते थे 248 करोड़ प्रीमियम व पेनल्टी – वर्ष-2021 में दोबारा टेंडर कर प्लॉट्स लीज पर देते तो आइडीए को मिलते करीब 325 करोड़

इंदौरJul 24, 2021 / 10:19 am

Hitendra Sharma

इंदौर. सरकार ने प्रेस कॉम्प्लेक्स लीज उल्लंघन मामले में 25 में से 12 प्लॉट्स के नियमितीकरण का फैसला लिया है। एबी रोड स्थित प्रिंटिंग कार्यों के उपयोग वाले प्रेस कॉम्प्लेक्स स्थित प्लॉट्स की लीज का नवीनीकरण 2007-08 की गाइड लाइन से किया जाएगा। इस फैसले से इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) को 196 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। बड़ा सवाल है, आखिर 14 साल पुरानी दरों पर लीज नवीनीकरण क्यों की जा रही है? क्या यह कोर्ट के आदेश का सही पालन है?

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उपसचिव शुभाशीष बैनर्जी ने आइडीए को पत्र भेजकर लीज निर्धारण की प्रक्रिया बताई हैं। प्रीमियम गणना 1 अप्रेल 2007 की गाइड लाइन से की जाएगी। इस पर 3 प्रतिशत दर से ब्याज लिया जाएगा। जबकि लीज की नवीनीकरण 2020-21 में होगा। आइडीए अब यह मामला कोर्ट के समक्ष रखेगा।

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आइडीए के प्रस्ताव पर निर्णय
हाई कोर्ट ने पिछले दिनों सख्ती बरतते हुए सरकार को लीज नवीनीकरण पर अंतिम निर्णय लेने के निर्देश दिए थे। इसके आधार पर आइडीए बोर्ड ने प्रस्ताव भेजा, जिसमें 12 प्लॉट नवीनीकरण योग्य पाए थे। शेष के मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं या आइडीए के पास कब्जा है। बोर्ड के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने लीज नवीनीकरण का फैसला लिया है।

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ऐसे होगा प्रीमियम राशि में नुकसान

प्रेसप्लॉट साइज

(वर्ग मीटर)

2007-08

गाइडलाइन

2020-21

गाइडलाइन
अंतर

दैनिक विश्व भ्रमण30543.6624.420.7स्वदेश30543.6624.420.7फ्री प्रेस जर्नल41664.9933.328.3दैनिक भास्कर40144.8232.127.3दैनिक नवभारत40454.8532.327.5साप्ताहिक स्पूतनिक13961.6711.19.47युग प्रभात13961.6711.19.47साप्ताहिक *****13961.6711.19.47अपनी दुनिया16842.0213.411.4बहकती कलम14241.7011.39.68प्रभात किरण13941.6711.19.47शनिवार दर्पण40744.8532.527.7 * प्लॉट की साइज वर्ग मीटर में व गाइड लाइन की राशि करोड़ में है।

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दोबारा टेंडर पर मिलते 325 करोड़ रुपए
सरकार के इस फैसले से आइडीए को लीज प्रीमियम में 196 करोड़ की हानि होगी। आइडीए को 12 प्रेस मालिकों से 37 करोड़ प्रीमियम व 15 करोड़ रुपए ब्याज मिलेगा। वर्तमान दर से गणना से 248 करोड़ रुपए प्रीमियम मिलती। पेनल्टी व ब्याज की राशि अलग होती। यदि आइडीए इन प्लॉट्स की लीज निरस्त कर दोबारा टेंडर कर बेचता तो 248 करोड़ का प्रीमियम राशि पर बाजार भाव अनुसार 25-30 प्रतिशत का इजाफा होता यानी करीब 325 करोड़ की राशि मिलती।

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ब्याज और उपयोग में भी दिया फायदा
सरकार के ब्याज की गणना सालाना साधारण ब्याज दर पर की है। इससे प्रेस मालिकों को फायदा होगा। मास्टर प्लान के अनुसार जमीन का उपयोग कर सकेंगे यानी मालिकों को मास्टर प्लान अनुसार वाणिज्यिक उपयोग का लाभ मिलेगा। शेष 12 प्लॉट अब कानूनी प्रक्रियाओं में उलझे रहेंगे, क्योंकि अन्य प्रेस मालिक कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

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