अब इसकी प्रसिद्धी और बढ़नेवाली है। इस बार गेर को यूनेस्को की सूची में शामिल करने की कोशिश की जा रही है। यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत की सूची में अभी रामलीला, दुर्गा पूजा, कुंभ मेला जैसे आयोजन शामिल हैं।
इंदौर में पंरपरागत गेर रंगपंचमी को निकाली जाती है। इस बार यह फाग यात्रा 30 मार्च को निकाली जाएगी। इसे यूनेस्को की सूची में शामिल कराने के लिए सांसद शंकर लालवानी ने दिल्ली में संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉक्टर संध्या पुरेचा से मुलाकात की।
डॉक्टर संध्या पुरेचा को इंदौर की गेर के बारे में विस्तार से बताया गया।
सांसद शंकर लालवानी ने डॉक्टर पुरेचा को गेर की खासियतों के बारे में बताया। सांसद ने बताया कि रंगपंचमी पर निकलने वाली गेर में इंदौर सहित आसपास के लाखों हुरियारे शामिल होते हैं। यह पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो चुकी है और यही कारण है कि इसे अब यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉक्टर संध्या पुरेचा ने इंदौर की गेर को यूनेस्को सूची में शामिल करने पर काफी उत्साह दिखाया। उन्होंने इसके लिए सांसद लालवानी को कुछ जरूरी निर्देश भी दिए। इसके साथ ही डॉक्यूमेंटेशन करने के लिए कहा। डॉक्टर पुरेचा ने बताया कि 2023 के लिए यूनेस्को को सूची भेजी जा चुकी है पर 2024 की हमारी सूची में इसे जरूर भेजेंगे।
डॉ पुरेचा के बताए अनुसार गेर के डॉक्यूमेंटेशन के लिए इंदौर नगर निगम और कलेक्टर कार्यालय सक्रिय हो गए हैं। बता दें कि दुर्गा पूजा को यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत की मान्यता मिल चुकी है। पूर्व में भारत की रामलीला, कुंभमेला-सिंहस्थ आदि भी यूनेस्को सूची में शामिल हो चुके हैं।