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कैट रोड पर श्री हरि धाम में नवग्रह प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के लिए निकली कलश यात्रा

पूरे क्षेत्र में बना उत्सव सा माहौल, कलश यात्रा की पुष्प वर्षा के साथ जोरदार आगवानी

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कैट रोड पर श्री हरि धाम में नवग्रह प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के लिए निकली कलश यात्रा

कैट रोड पर श्री हरि धाम में नवग्रह प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के लिए निकली कलश यात्रा


इंदौर। कैट रोड पर स्थित श्री हरि धाम में नवग्रह प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। इस कलश यात्रा में बड़ी संख्या महिलाएं अपने मस्तक पर कलश धारण कर निकली। जिससे पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल बन गया । श्रद्धालु जनों के द्वारा स्थान स्थान पर पुष्प वर्षा कर कलश यात्रा का स्वागत करते हुए अगवानी की गई।
श्री हरि धाम पर स्वामी शुकदेव दास महाराज के सानिध्य में नवग्रह प्रतिमाओं का 46 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह चल रहा है। आचार्य कौशल किशोर पांडे के आचार्य को में इस आयोजन के अंतर्गत 42 लाख मंत्र जाप और सवा लाख हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन समिति के संरक्षक टीकम गर्ग, बालकृष्ण छाबछरिया और मधु वर्मा ने बताया कि अब 10 दिवसीय आयोजन की शुरुआत आज कलश यात्रा के साथ हुई। यह कलश यात्रा फ ूटी कोठी चौराहा से शुरू हुई, जो कि विभिन्न मार्गो से होते हुए श्री हरि धाम पर पहुंची। इस कलश यात्रा में सबसे आगे जहां बटुक केसरिया पताका लहराते हुए चल रहे थे । वही उनके पीछे बग्गीयों में संत महात्मा गण सवार थे। यात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं अपने मस्तक पर कलश धारण कर चल रही थी। इस कलश यात्रा में महिलाओं ने केसरिया परिधान पहन रखा था जबकि पुरुष श्वेत परिधान में थे । कलश यात्रा के श्री हरि धाम में पहुंचने के पश्चात प्रायश्चित संकल्प, श्री विष्णु पूजा, दशविध स्नान, पंचगव्य प्राशन, दशदानादी संकल्प लिए जाएंगे । इस शोभायात्रा में शामिल हुए श्रद्धालु जनों के द्वारा इंदौर को स्वच्छ इंदौर के बाद अब स्वस्थ इंदौर बनाने का संकल्प लिया गया। आज से पंच कुंडीय महायज्ञआयोजन समिति के घनश्याम पोरवाल मनोहर व्यास ने बताया कि इस आयोजन में सोमवार को प्रात: 7 वेद परायण होगा । इसके पश्चात 8 बजे से देव पूजन, हवन एवं आरती होगी। इसके साथ ही पंच कुंडीय श्री सीताराम महायज्ञ शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, मंडल पूजन, अरणी मंथन, अग्नि स्थापना, नवग्रह स्थापना, हवन व जलाधिवास भी होगा ।