विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार तय होने के बाद कई निजी कंपनियों ने सोशल मीडिया प्रचार का जिम्मा संभाला था। ऐसी कंपनियां लोकसभा चुनाव के लिए भी मैदान में आ गई हैं। कंपनी से जुड़े लोगों के मुताबिक, भाजपा व कांग्रेस के दावेदारों ने अभी से मदद लेनी शुरू कर दी है। चुनाव मई तक संभावित है, लेकिन राजनीतिक दल उम्मीदवार की घोषणा जल्द करने के मूड में हैं, इसलिए दावेदार भी सक्रिय हो गए हैं। निजी कंपनी से जुड़े प्रतिनिधियों का कहना है कि कई सीटों पर बदलाव की संभावना को देखते हुए दावेदार हाईकमान तक अपनी दावेदारी पहुंचाने के लिए इलाके में निजी कंपनियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
कंपनियों के जरिए प्रयास किया जा रहा है कि दावेदार का नाम किसी भी तरह लोगों की जुबान पर आ जाए। एजेंसी के जरिए लोगों तक अपने सामाजिक काम के संदेश, वीडियो और कॉल सेंटर से फोन कराए जा रहे हैं। कुल मिलाकर प्रयास है कि लोग उनके काम को पढ़े, देखें और सुनें, ताकि जब हाईकमान अपने स्तर पर सर्वे करे तो सशक्त दावेदार के रूप में उनका नाम पार्टी तक पहुंच जाए।
कंपनियां ऐसे चमका रहीं दावेदारी
– दावेदार का नाम लोगों तक पहुंचाने के लिए कंपनियां अलग-अलग इलाकों में सर्वे के लिए कैमरामेन के साथ एक प्रतिनिधि को भेजती हैं। वह लोगों से बात कर सर्वे करता है और प्रयास करता है कि अप्रत्यक्ष रूप से दावेदार का नाम लोगों तक पहुंचे और उनकी जुबान पर चढ़ जाए। यही वीडियो वायरल किए जाते हैं।
– अलग-अलग जगह चौपाल लगाकर कंपनी दावेदार के नामों को लेकर बात करती है। चर्चा में आम लोगों के साथ कंपनी के कर्मचारी भी रहते हैं, जो दावेदार का नाम उछाल देते हैं। ऐसा लगता है कि जनता के बीच से नाम आ रहा है। इससे अन्य लोग भी प्रभावित हो जाते हैं। ग्रामीण इलाकों में इस तरह की चौपाल से नेताओं के नाम हाइलाइट करने का ट्रेंड इस समय तेजी से चल रहा है।
– मोबाइल पर एसएमएस व बल्क वाट्सऐप मैसेज के जरिए अपने काम लोगों तक पहुंचाए जा रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच दावेदार का नाम पहुंचाना होता है। त्योहार व अन्य खास मौकों की शुभकामनाओं के संदेश भी इसमें शामिल हैं।
– कुछ कर्मचारियों का कॉल सेंटर शुरू किया गया है। लैंडलाइन और मोबाइल से क्षेत्र के लोगों को लगातार फोन कर दावेदारों की जानकारी इसके जरिए दी जा रही है। कई बार साॅफ्टवेयर से रिकाॅर्डिंग कॉल भी किए जाते हैं।
नेता के पक्ष में माहौल बना रहीं निजी कंपनियां
टॉपिक एक्सपर्ट: जसकरन सिंह मनोचा, पॉलिटिकल कम्युनिकेशन रणनीतिकार
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे हैं। निजी कंपनियों के जरिए सर्वे कराकर, सोशल मीडिया पर प्रचार कर, बल्क मैसेज से लोगों तक अपने काम पहुंचा रहे हैं। उद्देश्य यह है कि लोगों तक संबंधित दावेदार का नाम पहुंंचे और उनके जरिए वे पार्टी को प्रभावित कर सकें। प्रदेश के कई नेताओं के लिए कंपनियों ने काम शुरू कर दिया है। ग्रामीण इलाकों में कंपनियां ज्यादा सक्रिय हैं। सर्वे के दौरान जो वीडियो बनाए जाते हैं, उन्हीं को सोशल मीडिया पर वायरल कर संबंधित नेता के पक्ष में माहौल तैयार किया जा रहा है।