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टेंडरों के दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रहे निगम के उच्च अधिकारी

एमजी रोड : छह अलग-अलग कंपनियों के आए टेंडर, दिल्ली की कम्पनी का टेंडर हो चुका है निरस्त

इंदौरOct 21, 2021 / 07:21 pm

रमेश वैद्य

टेंडरों के दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रहे निगम के उच्च अधिकारी
इंदौर. एमजी रोड के बड़ा गणपति से कृष्णपुरा तक के 1.7 किलोमीटर लंबे हिस्से को 60 फीट चौड़ा करने के लिए बुलाए गए टेंडर की जांच का काम बुधवार को भी जारी रहा। 6 अलग-अलग कंपनियों के टेंडर आए हैं।
स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारियों ने इस बार पहले टेंडर डालने वाली कंपनियों के तकनीकि आर्हता और शर्तों से जुड़े दस्तावेजों की बारीकी से जांच करने का निर्णय लिया है। इसके चलते ही सभी कंपनियों के टेंडर के साथ दिए गए दस्तावेजों की जांच का काम किया जा रहा है।
इस बार स्मार्ट सिटी कंपनी ने टेंडर के दस्तावेजों की जांच के लिए दो स्तर पर तैयारी की है। इससे पहले छोटे अफसरों द्वारा दस्तावेजों की जांच करने के बाद उसे एक बार फिर से वरिष्ठ अधिकारी जिनमें अधीक्षण यंत्री और सीईओ दोनों स्तर पर इनकी जांच की जाएगी। इस जांच में 6 कंपनियों में से जिन कंपनियों के दस्तावेज सही पाए जाएंगे। उन्हीं कंपनियों की फाइनल बीड खोली जाएगी। और उसी में से सबसे कम दर वाली कंपनी का चयन करते हुए अंतिम फैसला लिया जाएगा।
इस सडक़ को बनाने के लिए २०१९ में पहली बार टेंडर हुए थे। लेकिन उस समय टेंडर डालने वाली कंपनी ने अगस्त माह में इस सडक़ को 6 माह में बनाने की शर्त को पूरा करने से मना कर दिया था। इसके बाद उस टेंडर को निरस्त करते हुए सितंबर में दूसरी बार टेंडर बुलाए थे। लेकिन उस समय सबसे कम दर पर दिल्ली की कंपनी लैंडमार्क द्वारा टेंडर डाला गया था। इस कंपनी के टेंडर शर्तों से जुड़े दस्तावेजों को स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों ने पहले तो सही ठहरा दिया था। लेकिन बाद में एक आपत्ति इसको लेकर आई थी। इसके बाद इस कंपनी के दस्तावेजों की जांच की गई। इस दौरान जानकारी सामने आई की कंपनी ने बीड कैपिसिटी को लेकर जो दस्तावेज दिए हैं, उसमें उसने अपने वर्तमान में चल रहे कामों की जानकारी को छुपाया है। जबकि कंपनी की ओर से जो शपथ-पत्र प्रस्तुत किया गया है, उसमें भी इसकी गड़बड़ी सामने आ गई थी। इसके चलते इस टेंडर को निरस्त कर दिया गया। स
ाथ ही गलत जानकारी देने वाली इस कंपनी पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने जुर्माना लगाते हुए टेंडर प्रक्रिया में जमा कराई गई 19.७५ लाख रुपए की अर्नेस्ट मनी को जब्त कर लिया था। साथ ही कंपनी को नगर निगम और स्मार्ट सिटी की किसी भी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से छह महीने के लिए रोक लगा दी गई थी।
जनता खुद तोड़ती रही अपने मकान
वहीं, दूसरी ओर इस सडक़ के लिए जनता खुद ही अपने बाधक निर्माणों को हटाने में जुटी है। बुधवार को भी राजबाड़ा से कृष्णपुरा और टोरी कार्नर के आसपास के क्षेत्र में लोग अपने मकानों के हिस्सों को हटाते रहे। इस दौरान राजबाड़ा से कृष्णपुरा की ओर जाने वाली सडक़ को यातायात के लिए बंद ही रखा गया। वहीं रात में मार्ग पर वाहन के गुजरने से सडक़ पर धूल उड़ रही है।
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